नई दिल्ली। तीन राज्यों में हुई कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद का मुद्दा उसके गले की फांस बन गया है। हालांकि मध्यप्रदेश मेें इसका फैसला किया जा चुका है। आज शाम तक एमपी और छत्तीसगढ़ पर भी एक राय होने की उम्मीद है।
कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट के अलावा अशोक गहलोत को तरजीह देकर मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया था। लेकिन सचिन के अड़ जाने और राहुल गांधी के सामने अपने पक्ष में तर्कों के एक के बाद एक तीर ने फिलहाल गहलोत की ताजपोशी रोक दी है। हालांकि इन तर्कों के बाद भी सचिन ने भरे गले से राहुल गांधी से यही कहा कि मैंने अपनी दलील दे दी, अब आपका जो भी फैसला होगा, वो सिर माथे पर।
सूत्रों के मुताबिक, सचिन ने कहा, गहलोत ने अंदरखाने पार्टी के बागियों का साथ दिया। जिससे अगर वो जीतें तो बाद में उनका समर्थन हासिल किया जा सके। पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए कई जगह दिक्कत खड़ी की गई।
सचिन ने कहा, मैं किसी जाति की राजनीति नहीं करता, तो मेरे गुर्जर होने की बात क्यों फैलाई जा रही है। गलत इरादे से कहा जा रहा है कि सिर्फ 4.5 फीसदी ही गुर्जर हैं, लेकिन मैंने कभी एक जाति की राजनीति नहीं की। समाचार लिखे जाने तक राहुल के साथ सचिन और गहलोत की बैठक जारी थी।