नई दिल्ली। राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन जिस तरह आजकल राजनीति चल रही है उसने मतदाताओं को भी उलझन में डाल दिया है। सपा के संस्थापक एवं यूपी के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने एक हाथ बेटे को दिया है तो दूसरा हाथ भाई को सौंप दिया है।
वहीं भाजपा शिवपाल यादव के भतीजे अखिलेश यादव से नाराज होने का फायदा उठाने की कोशिश में है। एक तरफ शिवपाल यादव को बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती का बंगला देकर उनका कद बढ़ाने की कोशिश की है। वहीं उनकी सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि ये सब इसलिए हो रहा है कि सपा और बसपा की गठबंधन होने पर भी शिवपाल यादव की पार्टी मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी। इससे दोनों के गठबंधन को कमजोर किया जा सकता है। इतना ही नहीं अब सपा कार्यकर्ता भी सोच रहे हैं कि वे किसके साथ जाएं।
मालूम हो कि सपा की साइकिल यात्रा की समाप्ति के मौके पर जंतर मंतर पर की गई सभा में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को आशीर्वाद देकर संदेश दिया था कि वे बेटे से नाराज नहीं हैं। माना जा रहा था कि अब मुलायम सिंह यादव शिवपाल से दूरी बनाएंगे लेकिन समाजवादी सेकुलर मोर्चा की घोषणा करते वक्त शिवपाल के साथ मुलायम सिंह यादव खड़े दिखे। अब इसका ये असर हो रहा है कि सपा के सिपाही समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में जा रहे हैं।