लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। 15 दिनों रुक रुक कर हो रही बारिश का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान बिजली गिरने से कई मकान गिर गए। लाल निशान के ऊपर प्रवाहित हो रही नदियों का पानी सैकड़ों गांवों में तबाही मचा रहा है। लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच कर रहे हैं। मंगलवार को अलग-अलग घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को सुबह एक बार फिर से हुई तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले दो दिन बारिश और होगी। हरदोई और आसपास में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। आंबेडकरनगर में घाघरा नदी स्थिर है। तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है। सोमवार को भी जमकर झमाझम हुई।
घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में अब कटान जारी है। बलिया, मऊ और आजमगढ़ के कई गांवों में घाघरा का पानी घुस चुका है। सोनभद्र व चंदौली के बांधों को खोलकर पानी बहाने का क्रम अनवरत जारी रहा। वहीं मीरजापुर में अलग-अलग दो कच्चा मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। जौनपुर में सई नदी का प्रचंड रूप धारण कर रही है। मीरजापुर से लगायत गाजीपुर व बलिया में गंगा ने और रौद्र रूप ले लिया है।
चंदौली के नौगढ़, मूसाखांड़, चंद्रप्रभा बांधों के भरने से लतीफशाह बीयर में उफान आ गया है। बलिया की बैरिया तहसील में सुरेमनपुर दियारा के आधा दर्जन और चांददियर के गांवों में लोग पानी से घिरे हैं। गाजीपुर में गंगा बढ़ रही है। करंडा ब्लाक के तटवर्ती गांव रफीपुर, सोकनी, बड़हरिया, बयेपुर गांव के लोगों ने कटान रोकने की व्यवस्था नहीं होने पर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है। जौनपुर में बदलापुर व मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र के अमोध गांव के निकट कमासिन ड्रेन पर बना रपटा पुल डूबने से संकट बढ़ गया है। केराकत के सरोज बड़ेवर में टाई नाले पर बना रपटा पुल पहले ही टूट चुका है।
लखीमपुर में शारदा नदी स्थिर है। बाढ़ प्रभावित तीन दर्जन गांव में नाव का सहारा बनी है। बाराबंकी, गोंडा में घाघरा लाल निशान से ऊपर है। फैजाबाद में सरयू नदी कहर बरपा रही है। अमेठी, बलरामपुर में बारिश हुई। सुलतानपुर में कुछ स्थानों पर मामूली रिमझिम बरसात हुई। मध्य उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड की नदियों का जलस्तर बढऩे से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सोमवार को कुछ जिलों में रिमझिम बारिश हुई। कानपुर देहात में नोन नदी में डूब कर दो किशोरों की मौत हो गई। वहीं घर गिरने से मलबे में दबकर उन्नाव में महिला व किशोर और फतेहपुर में वृद्ध की मौत हो गई। अन्य जिलों में कई लोग घायल हुए। उन्नाव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा का पानी अब तक कटरी के 400 गांवों को अपनी जद में ले चुका। 100 गांवों के मुहाने तक पानी पहुंच चुका है।