लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातीय जनगणना एक मुख्य मुद्दा बनता जा रहा है। सपा-बसपा के बाद कांग्रेस ने भी यूपी में जातीय जनगणना की मांग को मजबूती दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने जातीय जनगणना और आरक्षण बढ़ाओ के मुद्दे को लेकर मंडलवार कार्यकर्ता सम्मेलन और गांव-गांव जाने का अभियान शुरुआत करने की बात कही। मायावती ने कुछ समय पहले कहा कि भाजपा और कांग्रेस में हिंदुत्ववादी और हिंदू भक्त होने की होड़ मची है। इस खाबरी ने कहा कि मायावती भाजपा की अघोषित प्रवक्ता हैं। जितना भाजपा को बुलवाना होता है, मायावती उतना बोल देती हैं। फिलहाल मायावती को यह सोचना चाहिए कि तीन बार राखी बंधवाकर उन्होंने सरकार बनाई थी तो पार्टी कौन से हिंदुत्व की बात कर रही है।गी हैं?
जवाबरू कांग्रेस में सभी धर्म का सम्मान है, लेकिन सवाल यह है मायावती जो बोल रही है उस पर वह खुद बताएं कि कैसे वह हिंदुवादियों से राखी बंधवा कर तीन बार सरकार बना चुकी हैं। मायावती को यह सोचना चाहिए कि मतलब निकल गया है तो वह ऐसी बयानबाजी न करें।
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सवालरू बसपा के बयानों को कैसे देखते हैं, क्योंकि 2014 से यह आरोप लगता है वह बीजेपी से मिली हैं? बसपा प्रमुख मायावती सोची समझी रणनीति के तहत बोलती हैं। लेकिन, सोचने वाली बात यह है कि जब कांग्रेस की प्रदेश और देश में सरकार नहीं है तो कैसे वह अक्सर कांग्रेस पर सवाल उठाती हैं। जबकि उन्हें विपक्ष में होने के नाते भाजपा सरकार पर सवाल उठाने चाहिए। इससे तो साफ यही लगता है कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बीजेपी की अघोषित प्रवक्ता हैं। इतना ही नही अब इंडियन एक्सप्रेस की खबर के बाद भी मायावती पर सवाल उठ रहे है।