ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवें प्राधिकरण के चेयरमेन डा. प्रभात कुमार ने प्राधिकरण में हुए एक-एक घोटाले को उजागर करने का बीड़ा उठाया है। यही कारण है कि पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता की करतूतें सामने आ गई।
जांच में पता चल गया कि गुप्ता ने पद पर रहते वक्त उसका पूरा फायदा उठाया और प्राधिकरण को नुकसान में धकेल दिया। पुलिस ने पीसी गुप्ता को रिमांड पर लिया है। प्रदेश के कई जिलों में नोएडा पुलिस पीसी गुप्ता को लेकर गई जहां से सबूत जुटाए जा सके। बीती रात पीसी गुप्ता वापस गौतमबुद्ध नगर पहुंच गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. अजय पाल शर्मा ने बताया कि अब तक पीसी गुप्ता से उन्होंने हलकी पूछताछ की है मगर आज वे अलग-अलग सवालों के साथ थाने जाकर पीसी गुप्ता से जवाब मांगेगे। उन्होंने कहा कि शाम तक ही बता पाऊंगा कि पीसी गुप्ता की क्या=क्या करतूतें है। दूसरी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रहने के दौरान पीसी गुप्ता ने हिंडन नदी की जमीन भी बेच दी थी। रिमांड में पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है। पुलिस प्राधिकरण से नदी से जुड़े दस्तावेज मांग रही है।
तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता ने डूब क्षेत्र की जमीन को आवासीय बताकर सैकड़ों लोगों को बेच दिया। इसके लिए कुछ ऐसे लोगों को विश्वास में लिया गया जिन्होंने पीसी गुप्ता की काली कमाई को अपने नाम किया। ऐसे एक दर्जन से अधिक लोगों को चिह्नित किया जा रहा है जिनके नाम पर प्लॉट लिए गए और कई संपत्तियां खरीदी गईं।
पीसी गुप्ता यमुना प्राधिकरण से पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सीईओ था। पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि उसके कार्यकाल में सबसे अधिक गड़बडिय़ां ग्रेटर नोएडा में हुई हैं। यहां बिसरख से लेकर कई गांवों के जमीन में फर्जीवाड़ा किया गया है। इसमें ग्रेनो प्राधिकरण के कर्मचारी, कई प्रॉपर्टी डीलर व स्थानीय लोग शामिल थे।
पल-पल की जानकारी मांग रहे लखनऊ के अधिकारी
पीसी गुप्ता को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस को 10 दिनों का रिमांड मिला है। उसको कई शहरों में ले जाकर कुछ लोगों से आमना-सामना भी कराया गया है। पूछताछ में जो भी बातें सामने आ रही हैं, उसे शासन को बताया जा रहा है।
अब तक पीसी गुप्ता ने तीस से अधिक लोगों के नाम लिए हैं। अब पुलिस इन लोगों से पूछताछ करने की तैयारी में है। इससे कई सफेदपोश लोगों में खलबली है।
अहम भूमिका रखने वाले भी जाएंगे जेल
पीसी गुप्ता ने पुलिस को जितनी भी बातें बताई हैं, उनमें आरोपी लेखपाल रणवीर की अहम भूमिका सामने आ रही है। पुलिस अब रणवीर के पीछे लगी हुई है। रणवीर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
जितने भी लोग पीसी गुप्ता के कारनामों में अहम भूमिका रखते है उन सबको जेल जाना पड़ेगा। प्राधिकरण के चेयरमेन डा. प्रभात कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी सूरत में घोटाले बाज अफसरों को बख्शा न जाए।
अभी तक मैने ही एक बार ही बातचीत की है। आज पीसी गुप्ता से गहनता से पूछताछ करूंगा और कब उसने कैसे-कैसे प्राधिकरण को आर्थिक क्षति पहुंचाई इस संबंध में जानकारी हासिल होने के बाद बताऊंगा। पुलिस जांच में हर बिंदु पर ध्यान रखा जा रहा है।
डा. अजयपाल शर्मा
एसएसपी
दिए गए ठेकों की भी जांच शुरू
पीसी गुप्ता के कार्यकाल में दिए गए सिविल वर्क के ठेकों की जांच की जा रही है। खासतौर से 10 करोड़ से ऊपर के सभी ठेके खंगाले जा रहे है कि मौके पर काम हुआ था या नहीं। भुगतान कम किया गया या ज्यादा इसको लेकर भी जांच पड़ताल की जा रही है। फिलहाल तो 3 कंपनियां पकड़ी गई है। जिन्हें पीसी गुप्ता के सरंक्षण में ही चलना बताया जा रहा है। इन तीनों कंपनियों को प्राधिकरण में बलैक लिस्ट कर दिया है। प्राधिकरण अधिकारी अब ये भी पता लगा रहे है कि पीसी गुप्ता के रिश्तेदार प्राधिकरण के कितने ठेकों में शामिल थे।