पंजे के शिकंजे में कमल

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की सियासत के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान कराया गया, जिसके नतीजे आने शुरू हो गए हैं। शुुरुआती रुझानों में कांग्रेस ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है और जादुई 45 के आंकड़े को पार करने के अलावा बड़ी जीत की ओर जाती दिख रही है।
छत्तीसगढ़ के रुझानों में कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत मिल गया है। 90 सीटों के रुझान में बीजेपी की सीट घटती जा रही है और अब महज 20 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस की बढ़त 61 सीटों पर हो गई है। वहीं अन्य पर 9 आगे चल रहे हैं।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 28 नवंबर को मतदान किया गया था। राज्य में 75.05 प्रतिशत वोटिंग हुई है। राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। अब तक आए एग्जिट पोल के ज्यादातर नतीजे सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं।
हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को सबसे बड़ा सर्वेयर बताते हुए चौथी बार जीत के दावे कर रहे हैं। अब सवाल ये है कि बीजेपी इतिहास रचते हुए चौथी बार शिवराज सिंह के नेतृत्व में सत्ता में वापसी करेगी? या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ की जोड़ी कांग्रेस की मध्य प्रदेश में वापसी कराएगी।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रुझानों पर कहा कि जो चुनाव जीते हैं उनको मेरी तरफ से बधाई और जो भी पार्टियां जीती हैं उनको भी बधाई।
एमपी के रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिल रहा है। कांग्रेस 112 सीट पर आ गई है तो वहीं बीजेपी 103 सीट पर आगे चल रही है।

मिजोरम

पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला ढहता नजर आ रहा है। यहां पर 10 सालों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस को जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मिजोरम के सीएम और कांग्रेस कैंडिडेट लाल थनहवला दो जगहों से चुनाव लड़े लेकिन वे दोनों जगहों से चुनाव हार गए हैं। लाल थनहवला चंपई दक्षिण सीट और सर्छिप सीट से चुनाव हार गए हैं। मिजोरम में विपक्षी गठबंधन एमएनएफ 29 सीटों पर आगे चल रही है। मिजो नेशनल फ्रंट के 5 कैंडिडेट चुनाव जीत चुके हैं।
यहां सरकार बनाने के लिए 21 सीटें चाहिए। 2013 में 34 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार अब तक 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। अन्य दलों के कैंडिडेट 5 सीटों पर आगे चल रहे हैं, वहीं बीजेपी का एक कैंडिडेट आगे चल रहा है। मिजोरम में विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुए थे।

राजस्थान

राजस्थान में 100 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही चल रही है। वहीं अन्य उम्मीदवार निर्णायक भूमिका में हैं और 25 सीटें ऐसी हैं, जहां अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। रुझानों में शुरुआत से पीछे चल रही बीजेपी 82 सीट पर आगे चल रही है।
दिग्गज नेताओं में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन, टोंक से सचिन पायलट, सरदारपुरा से अशोक गहलोत आगे चल रहे हैं। वहीं बीजेपी में मौजूदा गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया उदयपुर से पीछे चल रहे हैं। झालरापाटन से बीजेपी के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह पीछे चल रहे हैं। उनके सामने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं। बता दें कि मानवेंद्र सिंह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे और कांग्रेस ने उन्हें शिव विधानसभा सीट के बजाय राजे के सामने उतारा था।
इस बार राजस्थान में अन्य भी निर्णायक भूमिका में नजर आ रहे हैं. इन उम्मीदवारों में किशनगढ़ से सुरेश टाक (निर्दलीय), खंडेला से महादेव सिंह खंडेला, खींवसर से हनुमान बेनिवाल, गंगापुर से रामकेश, थानागाजी से कान्ति प्रसाद, दूदू से बाबूलाल नागर, नगर से वाजिब अली, फलौदी से कुम्भसिंह, बस्सी से लक्ष्मण मीणा, बहरोड़ से बलजीत यादव, भरतपुर से दलवीर सिंह, भादरा से बलवान पूनियां, भोपालगढ़ से पुखराज, मेड़ता से इन्दिरा देवी, श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारीलाल, सिरोही से संयम लोढ़ा का नाम शामिल है।

तेलंगाना

मतगणना के दो घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। यहां पर सभी सीटों 119 के रुझान आ चुके हैं। रुझानों में टीआरएस तेलंगाना में शानदार वापसी करती दिख रही है। अबतक के रुझानों के मुताबिक टीआरएस 90 सीटों पर आगे है। ये आंकड़ा दो तिहाई बहुमत से भी ज्यादा है। तेलंगाना में सरकार बनाने के लिए 60 सीटें चाहिए। तेलंगाना में कांग्रेस 19 सीटों पर आगे चल रही है। बीजेपी ने भी 2 सीट पर बढ़त बनाई है। अन्य पार्टियों के 08 कैंडिडेट भी अपने-अपने सीटों पर आगे चल रहे हैं।
तेलंगाना में पहली सीट एआईएमआईएम के खाते में गई है। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवौसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी चंद्रयानगुट्टा सीट से चुनाव जीत गए हैं। इधर रुझानों से उत्साहित टीआरएस सांसद के कविता ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि तेलंगाना की जनता उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने 2014 में उन्हें जो मौका दिया था इसका उन्होंने सदुपयोग किया है और उन्हें उम्मीद है कि जनता उन्हें फिर से सत्ता में लाएगी।

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