फैजाबाद। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडिय़ा अयोध्या में आज निषेधाज्ञा तोड़कर रामकोट की परिक्रमा पर निकल पड़े। इस दौरान उनके समर्थकों की पुलिस से भिड़ंत भी हो गई। पुलिस के अधिकारी भी तोगडिय़ा को मनाने में लगे रहे, लेकिन वह परिक्रमा पर निकल पड़े।
अयोध्या में आज प्रवीण तोगडिय़ा के रामकोट परिक्रमा पर निकलने के बाद उनके समर्थकों व पुलिस की भिड़ंत हो गई। तोगडिय़ा के रामकोट की परिक्रमा के दौरान उनके समर्थकों व पुलिस के बीच हुई भिड़ंत के कारण माहौल में तनाव है। रामकोट परिक्रमा का मार्ग बदलने को लेकर पुलिस व तोगडिय़ा के समर्थकों से भिड़ंत हो गई। अयोध्या आज सुबह निषेधाज्ञा तोड़कर रामकोट की परिक्रमा करने जाते प्रवीण तोगडिय़ा के समर्थक काफी उग्र हो गए हैं। अयोध्या में रामकोट वह स्थान है जिसमें विवादित रामजन्म भूमि स्थित है। इस दौरान एसपी सिटी अनिल सिंह तोगडिय़ा समर्थकों को वहां समझाने की काफी कोशिश करते रहे।
अयोध्या में आज अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा के कार्यक्रम को लेकर शासन ने झांसी के डीआइजी सुभाष ङ्क्षसह बघेल को अयोध्या भेजा है। बघेल ने फैजाबाद जिले में कई पदों पर रहते हुए लंबा कार्यकाल बिताया है। माना जा रहा है कि उनके अनुभाव को देखते हुए शासन ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के सहयोग के लिए अयोध्या भेजा है। फैजाबाद में एसएसपी पद पर रहते हुए ही बघेल को डीआइजी के पद पर प्रोन्नति मिली थी। इससे पहले वह यहां एसपी सिटी, एसपी ग्रामीण का भी पद भार संभाल चुके हैं।
इस दौरान उन्होंने नारा दिया, मंदिर नहीं तो वोट नहीं। तोगडिय़ा ने दावा किया कि केरल, जम्मू, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि से हमारे रामसेवक साथी आए हैं और वे भाजपा को हराने का संदेश लेकर गांव-गांव जाएंगे। उन्होंने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग के साथ यह एलान भी किया कि मंगलवार को वे अगले प्रधानमंत्री के नाम का भी एलान करेंगे, जो सत्ता में आकर तुरंत मंदिर का निर्माण कराने वाला, युवाओं को रोजगार देने वाला, किसानों को कर्ज मुक्त करने वाला, पाकिस्तान को घुटनों के बल लाने वाला और सस्ती शिक्षा-सस्ता पेट्रोल देने वाला होगा। इस मौके पर रामवैदेही मंदिर के महंत रामप्रकाशदास, रघुवंश संकल्प सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीपदास त्यागी, रामकृष्ण सेवाश्रम के महंत श्रीरामाचार्य, संत करपात्री, रामकथा मर्मज्ञ कमलेश शास्त्री, आचार्य वरुणदास, डॉ. देवेशाचार्य, नीरज शास्त्री आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।