पिछले दो वर्षो में रूस का प्रदर्शन काफी खराब रहा है
मॉस्को। फुटबाल के सबसे बड़े टूर्नामेंट फीफा विश्वकप के 21वें संस्करण का पहला मैच गुरुवार को मेजबान रूस और सऊदी अरब के बीच लुजिनकी स्टेडियम में खेला जाएगा। फीफा रैंकिंग में क्रमश: 70वें एवं 67वें पायदान पर मौजूद दो टीमों के बीच मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है। दोनों टीमें खिताब जीतने के दावेदार में नहीं मानी जा रही हैं लेकिन रूस अपने समर्थकों की मौजूदगी में जीत के साथ टूर्नामेंट की सकारात्मक शुरुआत करना चाहेगा।
पिछले दो वर्षो में रूस का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप के बाद से मेजबान टीम ने कुल 19 मैच खेले हैं और केवल छह में जीत दर्ज की है। रूसी टीम अक्टूबर 2017 के बाद से एक भी मैच जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है जो टीम की मौजूदा स्थिति को दर्शाती है। सऊदी अरब के अलावा रूस के ग्रुप में उरुग्वे और मिस्र की टीमें शामिल हैं। इनमें से सिर्फ उरुग्वे को ही दमदार टीम माना जा रहा है। ऐसे में ग्रुप से अन्य सभी टीमें के पास अगले दौर में प्रवेश करने का बराबर मौका है। मेजबान टीम में कोई भी स्टार खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं और टूर्नामेंट से पहले उसके दो मजबूत डिफेंडर विक्टर वासिन एवं जॉर्जी झिकिया के अलावा फॉरवर्ड एलेक्जेंडर कोकोरिन चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। कोच चेरचेशोव की टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उसका डिफेंस है और विक्टर और झिकिया के चोटिल होने के बाद उनके पास कोई ऐसा नाम नहीं है जो डिफेंस को मजबूत कर सके। प्रशंसकों को गोलकीपर इगोर एकिन्फीव से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। टीम के अटैक की जिम्मेदारी स्ट्राइकर फेडर स्मोलोव पर होगी। क्रास्नोडार एफसी से खेलते हुए 2015-16 एवं 2016-17 सीजन में रूस की प्रथम श्रेणी लीग में सबसे अधिक गोल किए। दूसरी ओर सऊदी अरब के लिए पिछले कुछ साल अच्छे नहीं रहे हैं। विश्व कप में भाग लेने से पहले पिछले एक साल में टीम तीन कोच बदल चुकी है। मौजूदा कोच जुआन एंटोनी पिज्जी के लिए सऊदी अरब को नॉकआउट स्तर तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होगी। जर्मनी में हुए 2006 विश्व कप के बाद पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही सऊदी अरब की सबसे बड़ी ताकत टीम में मौजूद खिलाडिय़ों की एकजुटता है। टीम के अधिकतर खिलाड़ी सऊदी प्रीमियर लीग में खेलते हैं और उनके बीच अच्छा तालमेल है। हालांकि, रूस की तरह सऊदी टीम में भी कोई बड़ा सितारा नहीं है, लेकिन मिडफील्ड की जान यहया अल-शेहरी पर सबकी निगाहें टिकी होंगी।
सऊदी अरब में अनुभव की भी कमी है जो मेजबान टीम के खिलाफ उसकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो सकती है जिसने निपटना कोच जुआन एंटोनी पिज्जी के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
रूस टीम :
गोलकीपर : इगोर एकिन्फीव, व्लादिमीर गैबुलोव, एंड्री ल्यूनेव।
डिफेंडर : व्लादिमीर ग्रेनाट, रुस्लान कंबोलोव, फेडर कुद्रीशोव, इल्या कुटेपोव, आंद्रे सेम्योनोव, इगोर स्मोलनिकोव, मारियो फर्नाडेज।
मिडफील्डर: युरी गाजिंस्की, एलेक्जेंडर गोलोविन, एलन ड्झागोव, युरी झिर्कोव, रोमन जोबिन, डालेर कुज्येव, एंटोन मिरंचुक, एलेक्जेंडर सामेडोव, एलेक्जेंडर ताश एवं डेनिस चेरीशेव।
फॉरवर्ड : अर्टयोम डज्युबा, एलेक्सी मिरांचुक, फेडर स्मोलोव।
सऊदी अरब टीम :
गोलकीपर : मोहम्मद अल-ओवेस, यासेर अल-मुसेलम, अबदुल्ला अल-मयूफ।
डिफेंडर : मंसूर अल-हर्बी, यासेर अल-शाहरानी, मोहम्मद अल-ब्रेइक, ओस्मा हावसावी, अली अल-बुलाही।
मिडफील्डर : अबदुल्ला अल-खेबारी, अब्दुलमालेक अल-खैबरी, अबदुल्ला ओतायेफ, तैसीर अल-जासिम, हुसैन अल मोघावी, सलमान अल-फराज, मोहम्मद कन्नो, हत्तन बाहेबरी, सालेम अल-दवसारी, यहया अल-शेहरी।
फारवर्ड : फहाद अल-मुवालाद, मोहम्मद अल-साहलावी, मुहम्मद असीरी।