एसी में अधिकारी, सड़कों पर नोएडा वासीपार्किंग और फ्री होल्ड को लेकर हल्लाबोल
नोएडा। प्राधिकरण की मनमानी और अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए आज नोएडावासी सड़कों पर हैं। नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन समेत शहर के 22 सामाजिक संगठनों के आह्वान नोएडावासियों ने प्राधिकरण कार्यालय घेरा है। आज सेक्टर-6 स्थित संदीप पेपर मिल पर एकत्र होकर हजारों की संख्या में लोगों ने सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय की ओर कूच किया।
नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों पर दमनकारी नियमों को थोपने का आरोप लगाते हुए शहरवासियों ने सड़कों पर उतर कर प्राधिकरण की मनमानी पर अंकुश लगाने का संदेश तो दे ही दिया है साथ ही वर्षों से चली आ रही नोएडा को फ्री होल्ड करने की मांग भी मूर्त रूप लेने लगी है। फैक्ट्रियों के आगे पार्किंग लगाकर फैक्ट्री मालिकों से वसूली का कड़ा विरोध किया जा रहा है। एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन के नेतृत्व में 22 संगठनों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व अन्य प्रतिनिधि इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।
विपिन मल्हन ने अपने संबोधन में कहा कि प्राधिकरण उद्योगों को विकसित करने के लिए बना था मगर आजकल नोएडा प्राधिकरण उद्योगों को स्थापित करने की बजाए उजाडऩे में लगा है। नोएडा में करीब 12.30 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं। जिसमें 8.30 हजार से अधिक इकाइयां चालू स्थिति में हैं और उद्योगपति अपने खून पसीने से उन्हें सीज रहे हैं।
राज्य सरकार को नोएडा से मोटी रकम के रूप में राजस्व जाता है। उन्होंने कहा कि जब तक प्राधिकरण मांगों को नहीं मानेगा तब तक ऐसे ही आंदोलन किए जाएंगे। विपिन मल्हन ने कहा की 90 साल का पट्टा करके हमारे बच्चों को लूटने के लिए प्राधिकरण ने पूरी साजिश कर रखी है। करोड़ों रुपए देकर प्राधिकरण से औद्योग स्थापित करने और घर बनाने के लिए जमीन ली है। लेकिन पहले यह जमीन 99 साल की पट्टे पर दी जाती थी लेकिन अब इसे घटाकर 90 वर्ष कर दिया गया है।
एसीईओ पर सांठगांठ के आरोपआंदोलन के दौरान एसीईओ आरके मिश्रा पर पार्किंग ठेकेदारों से सांठगांठ के आरोप लगाते हुए उद्यमियों ने उन्हें यहां से बर्खास्त करने की मांग की। विपिन मल्हन ने कहा कि फैक्टरियों के बाद पार्किंग लगाने के नियम की उपज एसीईओ की दिमाग की है। उन्होंने कई ठेकेदारों से सांठगांठ की है।
विपिन मल्हन ने कहा कि प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी तानाशाह रवैया अपना रहे हैं। एक तरफ योगी सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर मीट कर रही तो वहीं प्राधिकरण उसे उजाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इससे सरकार का दोहरा चेहरा सामने आ गया है।