दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान एक पुलिसकर्मी पर गोली चलाने के मामले में दो आरोपितों को दोषी करार दिया है। एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने दोषियों की सजा पर 12 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने आरोपितों इमरान ऊर्फ मॉडल और इमरान को भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 188, 307, 332 और 149 के तहत दोषी पाया है। घटना 25 फरवरी 2020 की है। तत्कालीन कांस्टेबल दीपक अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बृजपुरी पुलिया के पास ड्यूटी कर रहे थे। बृजपुरी पुलिया के पास नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहा था।
कांस्टेबल दीपक ने बताया कि करीब 1000-1200 की संख्या में डंडों और सरियों से लैस भीड़ एकत्र हो गई। भीड़ बृजपुरी पुलिया के निकट दुकानों, स्कूलों और घरों में आग लगाने लगी। भीड़ ने रोड पर खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। एसएचओ की अपील के बावजूद भीड़ शांत नहीं हुई और आक्रामक नारे लगाने लगी। भीड़ अग्निशमन वाहन को भी नहीं गुजरने दे रही थी। इसी दौरान अज्ञात व्यक्ति ने गोली चलाई, जो कांस्टेबल दीपक के दाहिने पैर में आकर लगी। कांस्टेबल दीपक को कांस्टेबल रोहित जीटीबी अस्पताल लेकर गए। इस मामले की तहकीकात एसआई विनीत को सौंपी गई।
भजनपुरा थाने ने 18 मार्च, 2020 को इमरान उर्फ मॉडल और इमरान को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपितों ने इस घटना में अपनी संलिप्तता कबूल की है। दोनों आरोपितों की पहचान कांस्टेबल रोहित ने की। जांच पूरी होने के बाद 15 जून, 2020 को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 152, 186, 323, 353, 307, 120बी और 34 के तहत आरोप लगाया था।