प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान समेत वरिष्ठ भाजपा नेता अंतिम यात्रा में साथ-साथ चल रहे हैं। मुख्यालय से स्मृति स्थल तक के 5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर लाखों लोग अटलजी को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े हैं। शाम 4 बजे स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नई दिल्ली। तीन बार प्रधानमंत्री रहे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा भाजपा मुख्यालय से शुरू हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान समेत वरिष्ठ भाजपा नेता अंतिम यात्रा में साथ-साथ चल रहे हैं। मुख्यालय से स्मृति स्थल तक के 5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर लाखों लोग अटलजी को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े हैं। शाम 4 बजे स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले अंतिम दर्शनों के लिए उनकी पार्थिव देह को सुबह 9 बजे भाजपा मुख्यालय लाया गया था। यहां सभी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अटलजी ने गुरुवार शाम 5.05 बजे एम्स में अंतिम सांस ली थी। वे नौ साल से बीमार थे और 67 दिन से एम्स में भर्ती थे।
पार्टी मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अटलजी को पुष्पांजलि दी। श्रद्धांजलि देने के लिए अन्य दलों के नेता भी पार्टी मुख्यालय आए। इनमें शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप सांसद संजय सिंह, द्रमुक नेता ए राजा, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शामिल थे। आडवाणी पूरे वक्त भावुक नजर आए।
यमुना किनारे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर डेढ़ एकड़ जमीन पर अटल बिहारी वाजपेयी का स्मृति स्थल बनाया जाएगा। यूपीए सरकार ने नदी के किनारे स्मारक बनाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए वहां स्मृति स्थल बनाने का फैसला लिया है। इस संबंध में मोदी सरकार जल्द अध्यादेश ला सकती है।
इससे पहले, अटलजी के पार्थिव शरीर को गुरुवार शाम एम्स से लाकर अंतिम दर्शन के लिए कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर रखा गया था। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी आवास पर पहुंचकर अटलजी को शुक्रवार सुबह श्रद्धांजलि दी। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मोदी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने गुरुवार देर रात श्रद्धांजलि दी।
नरेंद्र मोदी ने अटलजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जाना सिर से पिता का साया उठने जैसा है। इससे पहले उन्होंने ट्वीट में कहा- ”मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का Óवार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटलजी हमारे बीच नहीं रहे। यह मेरे लिए निजी क्षति है। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।ÓÓ
वाजपेयी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे। वे मूलत: कवि थे और शिक्षक भी रह चुके थे। 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई और अटलजी ने चुनावी राजनीति में प्रवेश किया। 1957 में वाजपेयी मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। हालांकि, बलरामपुर सीट से वह जीत गए। 1975-77 के आपातकाल के दौरान वह गिरफ्तार किए गए। 1977 के बाद जनता पार्टी की मोरारजी देसाई की सरकार में वह विदेश मंत्री भी रहे। 1980 में उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी। वे 10 बार लोकसभा सदस्य और दो बार राÓयसभा सदस्य रहे। तीन बार प्रधानमंत्री बने।