सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से बंद लिफाफे में विमान की कीमत,
इसके लाभ और ऑफसेट पार्टनर चुनने की प्रक्रिया का विवरण मांगा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में केन्द्र को बड़ा झटका देते हुए इससे संबंधित विवरण बंद लिफाफे में दस दिनों अंदर जमा कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से केन्द्र की भाजपा सरकार टेंशन में आ गई है। वहीं विपक्ष और भी कड़े तेवर में अपनी भूमिका निभा रहा है।
बता दें कि फ्रांस के साथ हुए राफेल विमान सौदे पर राजनीतिक जंग के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में केंद्र सरकार से विमान की कीमत, इसके लाभ और ऑफसेट पार्टनर चुनने की प्रक्रिया का विवरण बंद लिफाफे में मांगी है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने राफेल डील पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को राफेल की कीमतें, निर्णय लेने की प्रक्रिया और ऑफसेट पार्टनर चुनने की प्रक्रिया संबंधित विवरण सील बंद लिफाफे में 10 दिन के भीतर देने को कहा है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ऑफीशियल सीक्रेट एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह जानकारियां साझा नहीं की जा सकती। जिस पर कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा है तो सरकार हलफनामे के जरिए अपनी आपत्ति दर्ज कराए, अदालत इस पर विचार करेगी।
याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण द्वारा राफेल विमान सौदे की सीबीआई से जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।