मोहम्मद आजाद
नोएडा। प्रदूषण से निपटने के लिए अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली, एनसीआर गैस चैंबर बन कर रह जाएगा। इसके कारण लोगों में बीमारियां फैल रही हैं और उनकी उम्र भी कम हो रही है। आने वाले समय में यह और भी भंयकर रूप ले सकता है इसलिए इसे निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
प्रदूषण की गंभीरता को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने पीएम दफ्तर को पत्र लिखा है। इस पत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। श्री मिश्रा ने कहा है कि नवंबर में जिस पराली के कारण प्रदूषण फैलता है दरअसल वह काम सिंतबर में होना चाहिए लेकिन सिंतबर में चूंकि पानी की ज्यादा जरूरत होती है इसलिए जानबूझ कर सितंबर का यह काम अक्टूबर नवंबर में किया जाता है। उस दौरान हवा पंजाब से दिल्ली की तरफ चलती है इसलिए वहां आग लगने से फैला प्रदूषण दिल्ली और एनसीआर को अपनी चपेट में ले लेता है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि पराली का जो समय निर्धारित है उस पर फसल की कटाई होनी चाहिए और कोशिश होनी चाहिए कि अब नई टेक्नोलॉजी को अपनाकर खेती की जाए ताकि पराली जलाने की जरूरत न पड़े।
श्री मिश्र ने सुझाव दिया है कि सबसे पहले लोगों में प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता लाने की जरूरत है। जागरूकता से ही वाहनों का प्रयोग कम होगा जोकि प्रदूषण का दूसरा बड़ा कारण है। इसके लिए लोग कारपूलिंग के व्यवस्था को भी आगे बढ़ा सकते है।
पत्र में पीएमओ को सुझाव दिया है कि पेड़ कम से कम काटे जाए और नए पेड़ इस तरीके से लगाए जाए कि पंजाब की तरफ आने वाली हवाओं को वे रोक सकें।
पूर्व मुख्य सचिव ने सुझाव दिया है कि कृत्रिम बारिश कराकर प्रदूषण को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अपने बुलेंदखंड में तैनाती के दौरान उन्होंने यह प्रयोग कराया था जो सफल रहा। इससे दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी आजमाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यूरोप और रशिया में इसे अपनाया जाता है। चीन में तो प्रदूषण का बुरा हाल था उसने कृत्रिम बारिश से इस पर
काबू पाया।