न्यूयॉर्क। अमेरिका की 125 साल पुरानी रिटेल कंपनी सिआर्स ने सोमवार को न्यूयॉर्क की बैंकरप्सी कोर्ट में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी दाखिल कर दी। आर्थिक संकट से गुजर रही सिआर्स पर 5.6 अरब डॉलर (41440 करोड़ रुपए) का कर्ज है। इसमें से 13.4 करोड़ डॉलर अगले कुछ दिन में चुकाने हैं। कंपनी के कर्जदाता रिस्ट्रक्चरिंग के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं। सिआर्स को बचाए रखने के लिए सीईओ एडी लेम्पर्ट ने बिजनेस की हिस्सेदारी बेची। उन्होंने कंपनी में अपनी निजी रकम भी लगाई। लेकिन, कामयाब नहीं हुए।
अभी 700 स्टोर हैं जो लगभग खाली पड़े हैं। कंपनी से भरोसा उठने की वजह से वेंडर ने माल उठा लिया। किसी वक्त सिआर्स अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी थी।
साल 1886 में रिचर्ड सिआर्स ने घडिय़ां बेचने के लिए सिआर्स वॉच कंपनी शुरु की थी। बाद में कंपनी ने विस्तार किया और यह घरेलू वस्तुओं से लेकर हार्डवेयर तक बेचने लगी। साल 1893 में कंपनी का नाम सिआर्स, रिबक एंड कंपनी हो गया।
साल 1925 में सिआर्स का पहला रिटेल स्टोर खुला। इसके 12 महीने में 7 और स्टोर खोले। उस वक्त सिआर्स अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी थी। होम एप्लायंस में इसके केनमोर ब्रांड ने बाजार में अच्छी पकड़ बनाई।
रिटेल में सफलता मिलने के बाद सिआर्स ने रिएल एस्टेट में भी हाथ आजमाया। साल 1990 में सिआर्स को पीछे छोड़ वॉलमार्ट अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी बन गई। इन चुनौतियों के बावजूद सीईओ एडी लेम्पर्ट रुके नहीं। साल 2004 में उन्होंने अमेरिका की डिपार्टमेंटल स्टोर चेन के-मार्ट का अधिग्रहण कर लिया। साल 2005 में इसे सिआर्स में मर्ज कर दिया। इस मर्जर के एक साल बाद सिआर्स का मार्केट कैप 20 अरब डॉलर हो गया था।
मीडिया में इस तरह की चर्चा होने लगी कि लेम्पर्ट की संपत्ति वॉरेन बफे जितनी हो सकती है। लेकिन, वॉलमार्ट से सिआर्स को कड़ी चुनौती मिलने लगी। वॉलमार्ट ने स्टोर्स की संख्या बढ़ाई और हर दिन प्रोडक्ट के रेट घटाने लगा।
साल 2008 में मंदी के दौरान बिक्री घट गई। इससे सिआर्स को दोहरा झटका लगा। ग्राहक स्टोर में जाने की बजाय ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा करने लगे। वॉलमार्ट ने अमेजन जैसी ऑनलाइन रिटेलर के कंपीटीशन में बिजनेस में निवेश बढ़ाना शुरू किया। लेकिन, सिआर्स के पास उतना फंड नहीं था।
सिआर्स पिछले 8 साल से घाटे में है। आखिरी बार 2010 में यह फायदे में रही। सीईओ एडी लेम्पर्ट कारोबार बेचकर और अपना पैसा लगाकर इसे चला रहे थे।
वित्त वर्ष 2013-14 में कंपनी के कुल 2,429 स्टोर थे। लगातार स्टोर बेचने की वजह से इनकी संख्या घटकर अब 700 रह गई है। 26 अप्रैल 2007 को कंपनी के शेयर का प्राइस 130 डॉलर था। यह अब 1 डॉलर से भी कम रह गया है।