गूगल : चीन के लिए सेंसर्ड सर्च ऐप बनाया

सैन फ्रांसिस्को। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार सार्वजनिक रूप से चीन के लिए सेंसर्ड सर्च ऐप बनाने की पुष्टि की। सोमवार रात अमेरिकी मैग्जीन वायर्ड के एनिवर्सरी समिट में पिचाई ने इस बारे में बात की। उन्होंने कहा कि चीन के लिए तैयार किया गया सर्च ऐप 99त्न सवालों के जवाब देने में सक्षम है। गूगल यह एक्सपेरिमेंट करना चाहता था कि इस तरह का प्रोडक्ट कैसे काम कर सकता है।
पिचाई ने कहा कि हम यह जानना चाहते थे कि गूगल चीन में फिर से एंट्री करता है तो नया सर्च ऐप कैसा दिखेगा। इसलिए, कंपनी ने गुप्त तरीके से इसे तैयार किया। यह भरोसेमंद होगा और सूचनाओं को बेहतर तरीके से पेश करेगा।
पिचाई ने 2016 की एक घटना का उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया कि चीन के सर्च इंजन बेदू पर कैंसर के इलाज की गलत जानकारी की वजह से एक छात्र की मौत हो गई। इस मामले में चीन के रेग्युलेटर्स ने बेदू के खिलाफ जांच की थी।
गूगल के सीईओ ने कहा कि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि हम चीन में नया ऐप कब लॉन्च करेंगे। लेकिन, वहां के बाजार में विस्तार के लिए यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है।
न्यूज वेबसाइट द इंटरसेप्ट ने अगस्त में गूगल के सीक्रेट प्रोजेक्ट ड्रेगनफ्लाई की खबर दी थी। इंटरसेप्ट ने गूगल चीन में ऐसा सर्च ऐप लाने की तैयारी कर रहा है जो ही सेंसर्ड होगा। इस पर कुछ वेबसाइट्स और ह्यूमन राइट्स जैसे कुछ शब्द ब्लॉक रहेंगे।

इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के कुछ दिन बाद गूगल के सीईओ पिचाई ने अपने कर्मचारियों से कहा कि कंपनी चीन में सर्च ऐप लॉन्च के बारे में कुछ भी तय नहीं है। जब भी हम ऐसी किसी योजना के करीब होंगे, तो ट्रांसपेरेंसी बरती जाएगी। चीन में सेंसरशिप की वजह से 2010 में गूगल ने वहां सर्च इंजन और यूट्यूब बंद कर दिए। उस वक्त चीन में इसका मार्केट शेयर 30त्न से भी कम था। वहां के स्थानीय सर्च इंजन बेदू का शेयर 76त्न से ज्यादा था। फिलहाल बेदू का मार्केट शेयर 80त्न से भी ज्यादा है।

गूगल ने चीन को पूरी तरह कभी नहीं छोड़ा। वहां ऑफिस और कर्मचारियों को बनाए रखा। गूगल चीन में नई शुरुआत की लगातार कोशिशें कर रहा है।

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