आधार हुआ निराधार, डिजिटल सिक्योरिटी कमजोर

हैक करके गरीबों का राशन लूटा, अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

नोएडा। आधार अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए और कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में अनिवार्यता न हो और इस संबंध में सरकार से भी उसका पक्ष मांगा। इतना सब हुआ लेकिन आधार अब निराधार साबित हो रहा है। जिस तरह आधार नंबरों को हैक करके गरीबों का राशन लूटा गया है। उससे पता चलता है कि डिजिटल इंडिया कितना साकार हो रहा है। सरकार बार-बार दावा करती है कि डिजिटल सुरक्षा पुख्ता है। मगर योगी सरकार में राशन लूट का मामला सामने आते ही डिजिटल प्लेटफार्म सवालों के घेरे में है।

आज जिस तरह डिजिटल सेंधमारी करके गरीबों के हक का राशन लूटा जा रहा है। लोगों के मोबाइल में अनैतिक प्रवेश किया जा रहा है और बैकों से पैसा निकाला जा रहा है। उसने साबित कर दिया है कि डिजिटल सिक्योरिटी की फुलप्रूफ व्यवस्था के बिना डिजिटल इंडिया का सपना जुमला ही साबित होगा।

अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम यूपी

जिले में 100 से अधिक आधार नंबर से छेड़छाड़ कर लाखों रुपये के सरकारी राशन के घोटाले का मामला सामने आते जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। इन घोटालेबाजों ने सरकारी राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए करीब एक साल पहले तमाम दावों के साथ प्रदेश भर में शुरू की गई आधार ऑथेंटिकेशन वाली एफपीएस ऑटोमेशन व्यवस्था को भी ध्वस्त कर दिया है।
माना जा रहा है कि इसमें कोटेदारों के साथ-साथ विभाग के अधिकारी और निजी कंपनी के ऑपरेटर भी शामिल हैं। गुरुवार को इन मामलों में जिला पूर्ति विभाग ने 6 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। अन्य मामलों की जांच में तीन टीमें जुटी हैं। सूत्रों का दावा है कि जिला स्तर के कई नेता भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। इस पूरे घोटाला में भाजपा के कई पदाधिकारियों के नाम भी सामने आने वाले हैं लेकिन जिला प्रशासन की मेहरबानी के चलते ये सब बचने की फिराक में हैं। पिछले तीन दिनों से राशन लूट के मामले में जिले में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो आधार नंबर हर जगह लिंक करना सरकार पर भारी पड़ सकता है।

यहां से शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post तबीयत बिगड़ी, किसान का अनशन समाप्त
Next post इससे अच्छा हमें गोली मार दे सरकार: हार्दिक