नई दिल्ली। नोटबंदी पर जमकर वाहवाही लूटने वाली भाजपा सरकार एक बार फिर अपनी ही जाल में फंसती दिख रही है। ताजा आंकड़े के मुताबिक पिछले एक साल में भारतीयों की जमा पूंजी में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन साल से ये आंकड़े लगातार घट रहे थे, लेकिन अचानक 2017 में इतनी लंबी छलांग मोदी सरकार के लिए चिंता बढ़ा सकती है। दरअसल, यह आंकड़ा इसलिए भी अहम है क्योंकि भाजपा की मोदी सरकार आने के बाद लगातार तीन साल कालेधन में कमी आई थी। लेकिन 2016 में नोटबंदी के फैसले के बाद इसमें अचानक बढ़ोतरी हुई। स्विस बैंक ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह 2017 के हैं और नोटबंदी 8 नवंबर, 2016 को लागू हुई थी। स्पष्टï है नवंबर 2016 और 2017 के बीच सबसे ज्यादा पैसा स्विस बैंक पहुंचा। प्रधानमंत्री ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तब कालेधन के खिलाफ इस फैसले को सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक बताया गया था। स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन 2016 में 45 प्रतिशत घटकर 67.6 करोड़ फ्रैंक (लगभग 4500 करोड़ रुपए) रह गया था। बैंक की तरफ से 1987 में आंकड़े देने की शुरुआत के बाद से ये सबसे कम का आंकड़ा था।
लेकिन 2017 में जो आंकड़े जारी किए गए उसमें अब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन 2017 में लगभग 6891 करोड़ रुपए (99.9 करोड़ फ्रैंक) हो गया। इसके अलावा प्रतिनिधियों के जरिए रखा गया पैसा इस दौरान 112 करोड़ रुपए (1.62 करोड़ फ्रैंक) रहा।