सीएम योगी ईमानदार-पुलिस बेईमान
नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ईमानदार छवि है। वे न तो भ्रष्टïाचार में करते हैं और न ही भ्रष्टïाचारियों को पसंद करते हैं। इस सब के बावजूद पुलिस भ्रष्टïाचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
रिश्वत लेने के आरोप में थाना सेक्टर 58 प्रभारी अनिल प्रताप एवं एसएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करा कर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के हस्तक्षेप के बाद की गई है। मगर सवाल यह है कि नोएडा में अलग-अलग स्थानों से अवैध वसूली करने वाले क्राइम ब्रांच को कुछ समय के लिए इधर-उधर किया और फिर यह टीम सक्रिय हो गई। आखिर इस सब के पीछे कौन है?
सवाल है कि एसएसपी द्वारा कराई जाने वाली जांच ठंडे बस्ते में क्यों डाल दी गई है? अब तक इस मामले में पुलिस अधिकारियों की ओर से क्या कार्रवाई की गई, इस बारे पुलिस कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मगर इतना जरूर है कि इस वसूली में शामिल पुलिस वाले दोबारा से वहीं काम कर रहे हैं। दिखावे के लिए दो सिपाही जीआरपी लखनऊ भेज दिए गए। ऐसे में मोदी सरकार की साफ नीयत सही विकास का नारा और योगी सरकार की ईमानदारी पर बट्टा लग रहा है। क्या कारण है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी शांत हैं। क्या केवल कुछ पुलिसवालों पर ही गाज गिरा कर भ्रष्टïाचार मिटाने का संदेश दिया जा रहा है। जबकि इस मामले में एसएसपी की छवि भी धूमिल हुई थी।