मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल
बागपत। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपित सुनील राठी के खिलाफ सोमवार को सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में राठी की अदालत में पेशी थी, लेकिन पुलिस उसे लेकर नहीं पहुंची।
गत नौ जुलाई की सुबह बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी ने अफसरों के सामने बजरंगी की हत्या करना कुबूल किया था। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर जेल के सेफ्टी टैंक से एक पिस्टल, दो मैग्जीन और 22 कारतूस बरामद किए थे। तत्कालीन जेलर यूपी सिंह ने खेकड़ा थाने में राठी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। असलाह बरामदगी का मुकदमा पुलिस ने अपनी ओर से आम्र्स एक्ट में दर्ज किया था।
उधर, मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड डिप्टी एसपी जेएम सिंह के अलावा प्रदीप कुमार उर्फ पीके, महाराज सिंह, विकास उर्फ राजा पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी।
विवेचक खेकड़ा थानाध्यक्ष एसपी सिंह ने आम्र्स एक्ट के केस की विवेचना पूरी कर छह सितंबर को सुनील राठी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। विवेचक ने अब राठी के खिलाफ हत्या के केस में भी चार्जशीट अदालत में पेश कर दी। एसपी सिंह ने बताया कि अभी सुनील राठी के खिलाफ ही अदालत में आरोप पत्र दाखिल हुआ। केस की विवेचना जारी है। राठी जेल से अदालत में पेशी पर नहीं आया।
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या में कौन सी पिस्टल प्रयोग हुई, यह राज आज तक भी राज बना है। आगरा लैब में फॉरेंसिक जांच की प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक, मौके से बरामद कारतूस और गटर से मिली पिस्टल के बोर भी आपस में मेल नहीं खा रहे थे।
इससे साफ है कि बजरंगी की हत्या किसी दूसरी पिस्टल से की गई। पुलिस कुख्यात सुनील राठी के बयान पर ही अटकी हुई है। पुलिस का मानना है कि जेल के सेफ्टी टैंक से बरामद पिस्टल से ही मुन्ना बजरंगी की हत्या की गई। सवाल यह है कि जेल में पिस्टल, दो मैग्जीन और 22 कारतूस आखिर पहुंचे कैसे।