पीसी गुप्ता के जरिए उजागर होंगे कई बड़े नाम

ग्रेटर नोएडा। रिटायर्ड आईएएस एवं यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता से पुलिस एक-एक राज उगलवाने में लगी है। प्राधिकरण के ओएसडी और तहसीलदार के नाम स्पष्ट हो चुके हैं। जिसके बाद दोनों प्राधिकरणों में हड़कंप मच गया है। प्राधिकरण अधिकारी और कर्मचारी इस वक्त खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में सीईओ रहते वक्त पीसी गुप्ता ने ऐसे-ऐसे दांव चले कि प्राधिकरण खाली होता गया और उनकी जेब भर्ती रही। पुलिस रिमांड पर लिए गए पीसी गुप्ता ने पूछताछ में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन तहसीलदार रणवीर सिंह, तत्कालीन ओएसडी वीपी सिंह और तत्कालीन नायब तहसीलदार चमन सिंह का नाम उजागर किया है। रणवीर सिंह इस समय अलीगढ़ में तहसीलदार हैं। वहीं चमन सिंह का प्रमोशन होने के बाद यमुना प्राधिकरण में ही वे तैनात हैं।
वीपी सिंह सहारनपुर में आईटीआई के प्रिंसिपल हैं।  उनके कई रिश्तेदारों से भी प्राधिकरण ने करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी थी। रणवीर सिंह को इस खेल का मास्टरमाइंड बताया गया है।
उधर, घोटाले के दौरान जमीन की रजिस्ट्री में गवाही देने वालों व बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कराने वाले करीब 12 लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है। सीओ प्रथम अमित किशोर श्रीवास्तव का कहना है कि इस मामले की जांच में तीन अन्य नाम शामिल किए गए हैं। एसएसपी डा. अजयपाल शर्मा ने बताया कि दस दिन की रिमांड मिली है जिसमें पुलिस हर बिंदु पर जांच पड़ताल कर रही है। रिमांड पूरी होने तक सभी नाम सामने आ जाएंगे।

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