पार्किंग का विरोध : लामबंद हुए उद्यमी

सड़क के किनारे अतिक्रमण करने वालो से कोई शुल्क नहीं तो हमसे कैसा

नोएडा। पार्किंग की समस्या को लेकर उद्योगपति लामबंद होने लगे हैं नोएडा इंटरनल एसोसिएशन के पदाधिकारी अलग-अलग शब्दों में जाकर अपने सदस्यों के साथ बैठक कर रहे हैं ताकि पार्किंग की नई पॉलिसी के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जा सके उद्योगपतियों का कहना है कि सड़क के किनारे ठेले खोमचे और रेस्टोरेंट बनाकर चलाने वालों से कोई शुल्क वसूल नहीं किया जाता जबकि हम लोगों ने प्राधिकरण को पैसा देकर भूखंड खरीदा है इसके बाद भी पार्किंग के नाम पर शुल्क वसूला जा रहा है

शहर में जगह-जगह ठेली-पटरी और सड़क के किनारे बने ढाबो से प्राधिकरण एक रुपया भी वसूल नहीं कर पाता जबकि उद्योगपतियों ने पैसा देकर भूखंड खरीदे है। बावजूद इसके पार्किंग के नाम पर शुल्क लिया जा रहा है। उद्यमियों की मांग रहेगी कि सबसे पहले अतिक्रमण करने वालो पर प्रभावी कार्रवाई की जाए। जिससे शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाया जा सके। यदि प्राधिकरण अतिक्रमण करने वालो पर कार्रवाई नहीं करता है तो हम पर भी कार्रवाई न करें। सभी तरह से प्राधिकरण उद्यमियों को ही दबाना चाहता है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अध्यक्ष विपिन मल्हन की अगुवाई में प्राधिकरण के खिलाफ बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है नई पार्किंग पॉलिसी से उद्यमियों में गुस्सा उबल रहा है प्राधिकरण ने इस नीति को खत्म नहीं किया तो उद्योगपति आंदोलनकारी फैक्ट्रियों को बंद करेंगे जिससे राज्य सरकार को हनी पहुंचेगी नोएडा इंटरप्राइजेज एसोसिएशन की गुप्त गुप्त बैठक चल रही हैं फिलहाल अन्य पदाधिकारियों ने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है लेकिन उनका इतना कहना है कि प्राधिकरण का अत्याचार और किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उल्लेखनीय है कि पदाधिकारियों ने प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन से मुलाकात की थी ताकि अलग-अलग समस्याओं का आपसी सहमति से निकाला जा सके लेकिन सीईओ ने किसी भी मुद्दे पर सकारात्मक रूप नहीं दिखाया जिसके बाद उद्योगपति बैठक छोड़ कर चले आए ग्रामीणों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर्स मीट कर रही है मगर जो उद्योग लगे हैं उन्हें बर्बाद होने से नहीं बचा पा रही है।

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