पंचतत्व में विलीन हुए अटल, मंत्रोचार के बीच अटल बिहारी वाजपेयी को दी गई मुखाग्नि
तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर निकली। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग अटल बिहारी अमर रहे की नारा लगाते हुए चल रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा स्मृति स्थल पहुंच गई। जहां उन्हें उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर स्मृति स्थल पर लाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट के मंत्री, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत बड़ी संख्या में लोग वाजपेयी की अंतिम यात्रा में साथ-साथ चले। स्मृति स्थल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद हैं।
इससे पहले सेना की एक विशेष गाड़ी पर वाजपेयी की अंतिम यात्रा निकाली गई। तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर निकली। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग अटल बिहारी अमर रहे की नारा लगाते हुए चल रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा स्मृति स्थल पहुंच गई। जहां उन्हें उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी।
अटल जी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, मैंने 6 साल तक उनके साथ काम किया। एक प्रधानमंत्री होने बावजूद वह काफी सरल थे, उन्होंने सभी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। उन्होंने एक बार कहा कि हम कश्मीर के संकट को संविधान की नहीं बल्कि मानवता की सीमाओं के भीतर हल करेंगे, इन शब्दों के साथ उन्होंने कश्मीरियों का दिल जीत लिया था।
सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, यह अटल जी की विशेषता थी कि उन्होंने कभी राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के कारण मानवता को नुकसान नहीं पहुंचाया। आज देश में इस तरह के सिद्धांतों की जरूरत है।
भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक आस्क्विथ ने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है और यह भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है। मैं उनके जैसे बेहतरीन आदमी को अपना सम्मान देना चाहता था।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने कहा, हम उन्हें बांग्लादेश की स्वतंत्रता में उनके योगदान और बांग्लादेश के लोगों के मजबूत समर्थन के लिए याद करते हैं। उन्हें बंगाली संगीत बहुत पसंद था। जब वह विदेश मंत्री बने तो मुझे दिल्ली में राजनयिक के रूप में सेवा करने का मौका मिला।
जाने-माने फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा, मैंने 2006 में एक बार उनसे (अटल बिहारी वाजपेयी) मुलाकात की थी। वह एक बहुत अच्छे वक्ता थे। भारतीय राजनीति में उनकी अनुपस्थिति को किसी और के द्वारा भरा नहीं जा सकता है, वह हर किसी के लिए एक रोल मॉडल रहे हैं और अपनी कविता, भाषण और व्याख्यान के माध्यम से कई लोगों को प्रेरित भी किया है।
इस दुख की घड़ी में भारत के साथ मॉरीशस खड़ा हुआ है। अटल जी के निधन के शोक से मॉरीशस भी आहत है। उसने भी भारत के साथ अटल जी के सम्मान में अपने राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया है। मॉरीशस सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन के चलते सरकारी भवनों पर लहराता भारत और मॉरीशस का राष्ट्रीय ध्वज पर आधा झुका रहेगा।