नई दिल्ली। टेलीकॉम सेक्टर से 60 हजार लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष के आखिर तक टेलीकॉम सेक्टर से 60,000 से अधिक लोगों को नौकरी से निकाला जा सकता है। दरअसल मर्जर करने वाली कंपनियों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स, टावर फर्म्स और इंडस्ट्री से जुड़े रिटेल आर्म्स ज्यादा एंप्लॉयी रखने से कतरा रहे हैं।
अगर टेलीकॉम सेक्टर से 60,000 से ज्यादा लोगों की छंटनी होती है तो इसका सबसे ज्यादा असर कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंशियल वर्टिकल्स पर पड़ेगा। सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं दोनों सेगमेंट पर है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन दो सेक्टर से क्रमश: 8,000 और 7,000 नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है।
रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019 में शुरुआती दो तिमाही में टेलीकॉम इंडस्ट्री में 15 से 20 हजार नौकरियां कम हो गई हैं। इस पर टेलीकॉम बाजार के एक्सपर्ट का कहना है कि यकीनन वित्त वर्ष 2018-19 की शुरू की दो तिमाहियां अच्छी नहीं रहीं, लेकिन अब समय बदलने वाला है। अब कंपनियां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, 4जी नेटवर्क में हायरिंग बढ़ा रही हैं। हालांकि दूसरी ओर एक्सपर्ट का यह भी कहना कि आने वाले दो तिमाही में 5 हजार से ज्यादा लोगों की नौकरी खतरे में है।
मालूम हो कि टेलीकॉम सेक्टर में पिछले कुछ वर्षों में प्राइस वॉर, छोटी कंपनियों के बिजनेस बंद होने और कुछ मर्जर होने से कंपनियों के मुनाफे में कमी आई है।