नई दिल्ली। निर्भया के दोषी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए। जेल कर्मियों ने उन्हें बताया कि यह फांसी की तारीख है, सुनवाई की नहीं। इस पर दोषी अक्षय ने कहा कि 22 जनवरी से पहले क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दूंगा। पवन ने कहा कि अब जेल नंबर 2 से जेल नंबर 3 में चलने की तैयारी कर लो। फांसी घर जेल नंबर 3 में ही है। फांसी की तारीख तय होने के बाद से चारों गुनहगार खौफजदा हैं। अक्षय सबसे ज्यादा खौफ में है। चारों में से उसके ही पत्नी और बच्चे हैं। जेल सूत्रों के अनुसार, शाम करीब साढ़े छह बजे अक्षय, पवन और मुकेश ने खाने में रोटी, सब्जी और दाल लेकर अपनी कोठरी में रख ली। हालांकि, रात साढ़े नौ बजे तक तीनों ने खाना नहीं खाया।
आमतौर पर वह सात से साढ़े सात बजे तक खाना खा लेते थे।
हर दोषी के साथ तीन सुरक्षाकर्मी, चौबीसों घंटे निगरानी
जेल में डेथ वारंट पहुंचने के बाद कैदियों की कोठरी की तलाशी ली गई। वहां पड़ा गैर जरूरी सामान हटा दिया गया। बिछाने और ओढऩे के लिए सिर्फ कंबल छोड़ा गया। उस कोठरी में बंद दूसरे कैदी भी दूसरी जगह भेज दिए गए हैं। हर दोषी के साथ तीन सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। चौबीसों घंटे निगरानी होगी। रोज सुबह 8 और शाम 6 बजे उनकी मेडिकल जांच की जाती रहेगी। इस दौरान मनोचिकित्सक भी साथ रहेंगे। मेडिकल के लिए डॉक्टर कोठरी में ही जाएंगे। मंगलवार को फांसी की तारीख तय होने से कुछ समय पहले ही पवन के माता-पिता उससे मिलकर गए थे। इससे पहले, सुनवाई के दौरान अक्षय ने जज से कहा था कि तिहाड़ जेल के अधीक्षक उनके खिलाफ खबरें छपवा रहे हैं।