थाईलैंड: गुफा में ऑक्सीजन की कमी, खतरे में 13 जिंदगियां,
थाईलैंड : गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों और उनके कोच की जिंदगि मुश्किल में फंसती जा रही है. रेस्क्यू टीम लगातार इन्हें बचाने के कोशीश कर रही है, लेकिन अब तक उन्हें सफलता हासिल नहीं हो पाीम है अब बिगड़े मौसम ने इस महारेस्क्यू ऑपरेशन पर खतरे की घंटी मंडरा रही है जिसने सबकी चिंता बढ़ा दी है. एक और खराब मौसम के चलते शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा तो दूसरी तरफ गुफा में ऑक्सीजन का स्तर खतरे के निशान तक गिर आया है. एक और बड़ी मुसीबत भारी बारिश का अलर्ट भी है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले पांच दिन बारिश का अनुमान है. ऐसे में बारिश के कारण गुफा में जलस्तर बढ़ने की भी आशंका है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना और मुश्किल हो जाएगा. बता दें कि पहले से ही गुफा में पानी भरा है, जिसे निकाला जा रहा है. चीनी रेस्क्यू टीम के प्रमुख वांग यिंगी ने बताया कि शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा है. जिसके बाद अब दूसरे विकल्प तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अब तक यह योजना थी कि धीरे-धीरे आगे बढ़कर बच्चों को बाहर निकाल लिया जाएगा. लेकिन अब हमें प्लान में बदलाव करना पड़ेगा क्योंकि अगर ऑक्सीजन का स्तर 13 फीसदी से कम रहता है तो बच्चों की जान पर खतरा मंडरा सकता है. रेस्क्यू टीम प्रमुख ने बताया कि बच्चों को निकाल पाने में फिलहाल समस्या आ रही है, जिसके चलते दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. अब रेस्क्यू टीम की कोशिश है कि गुफा के अंदर ही बच्चों को किसी सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए. इसके अलावा गुफा में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पाइप के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा रहा है. बताया गया कि गुफा के अंदर पांच किलोमीटर लंबा पाइप भेजने की योजना है, जिसके जरिए गुफा के ऑक्सीजन लेवल को नियंत्रित किया जा सके ताकि टीम के पहुंचने तक बच्चे और उनके कोच ऑक्सीजन की कमी का शिकार न हो सकें. आपको बतादे कि बच्चों को बचाने में मदद करते हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण सेना के एक पूर्व नेवी सील की मौत हो चुकी है. चिआंग राय के डिप्टी गवर्नर पास्साकोर्न बूनयालक ने कहा , ‘स्वेच्छा से मदद करने वाले एक पूर्व नेवी सील की गुरुवार रात करीब 2 बजे मौत हो गई.’ गोताखोर की पहचान समन कुनोंत के तौर पर हुई है. कुनोंत थाम लुआंग गुफा के भीतर एक स्थान से वापस आ रहे थे. यह सभी बच्चे चिआंग राय प्रांत के थाम लुआंग गुफा में फंसे हुए हैं, वहां से निकलना बेहद मुश्किल है क्योंकि वहां चारों तरफ पानी फैला हुआ है, रास्ता बेहद संकरा है, वहां अंधेरा है और कीचड़ होने के कारण वहां से बाहर आने के लिए उन्हें बेहद मशक्कत करनी पड़ेगी. भारत ने भी राज्य सरकार को मदद करने की है.गुफा के प्रवेश द्वारा से लेकर जिस स्थान पर बच्चों और उनके कोच ने शरण ली है, उस स्थान तक पहुंचने में 11 घंटे का समय लगता है, इसमें छह घंटे जाने और पांच घंटे लौटने में लगते हैं. थाईलैंड की अंडर 16 फुटबॉल टीम के 12 बच्चे और उनके 25 वर्षीय कोच 23 जून से लापता हैं. ऐसा अनुमान है कि उन्होंने भारी बारिश की वजह से गुफा में शरण ली थी और बारिश की वजह से गुफा का प्रवेश द्वारा अवरुद्ध हो गया. इन बच्चों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है.