मुख्य आरोपी बजरंग दल का योगेश राज गिरफ्तार
बुलंदशहर। स्याना में हिंसा कर क्या पूरे प्रदेश को हिंसा में झोंकने की साजिश थी। और सुबोध कुमार सिंह ने अपनी शहादत देकर उस साजिश को नाकाम कर दिया। यह सवाल अब हर जनमानस के दिमाग में कौंध रहा है।
यह सवाल इसलिए उठना लाजिमी है क्योंकि एक, दो और तीन दिसंबर को दरियापुर में आलिमी तब्दीगी इज्तेमा चल रहा था। जिसमें तकरीबन एक करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया था। तीन दिसंबर को यहां से सभी वापसी होनी थी। उसी दौरान स्याना में झगड़ा हुआ। यानि यह दंगा कहीं न कहीं सोची-समझी साजिश थी जो हिंसा इज्तेमा से आने वालों के साथ होनी थी। वह समय रहते पुलिस ने समय रहते अपने ऊपर ले ली। नतीजतन इतना बड़ा कांड हो गया और एक इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई।
हमलावरों का हथियारों से लैश होकर आना बड़ी साजिश का सबूत है। बिसाहड़ा कांड से जुडऩा भी बड़ी साजिश दूसरा सबूत है। बाद में इज्तेमा से जोड़कर अफवाहें फैलाना इसका तीसरा सबूत है। साजिश कौन कर रहा है और क्यों? इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है। यह एसआईटी कितनी निष्पक्ष जांच करेगी यह देखने वाली बात होगी। यह भी देखना होगा कि क्या वास्तव में यह एसआईटी सुबोध कुमार के पीडि़त परिवार को न्याय दिला पाएगी।
बहरहाल पुलिस ने रात को हमलावरों के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में मुख्य आरोपी बजरंग दल का नेता योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हिंदू-मुस्लिम की राजनीति ने ले ली पिता की जान -बेटा अभिषेक
इस बीच शहीद के बेटे अभिषेक ने धर्म के आधार समाज में फैलाई जा रही हिंसा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, मेरे पिता मुझे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा को नहीं भड़काएगा। आज मेरे पिता हिंदू-मुस्लिम विवाद में शहीद हो गए, कल किसके पिता अपनी जान की कुर्बानी देंगे।
दो एफआईआर दर्ज
पुलिस ने अब तक 2 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है और चार लोग हिरासत में लिए गए हैं। रात में शुरू हुई छापेमारी जारी है। पुलिस ने कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पुलिस की एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया गया है। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि बुलंदशहर हिंसा के मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर स्लॉटर हाउस पर और दूसरी हिंसा को लेकर। इनमें बजरंग दल के नेता योगेश राज, भाजपा युवा अध्यक्ष शिखर अग्रवाल, विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी नामजद किया।
बुलंदशहर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष में इंस्पेक्टर की मौत का समाचार बेहद दुखद है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि। भाजपा के शासन में प्रदेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है।
-अखिलेश यादव, पूर्व सीएम, यूपी
जिस तरह से भीड़ ने अखलाख मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर को मार दिया। इन लोगों को कानून हाथ में लेने का अधिकार किसने दिया? राज्य की स्थिति पर ध्यान देने के बजाय योगी तेलंगाना में जहर उगल रहे हैं। -कपिल सिब्बल