औरंगाबाद। मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत के बाद बुलाए गए महाराष्ट्र बंद का असर दिखने लगा है। बंद का सबसे ज्यादा असर मराठवाड़ा इलाके में दिख रहा है। यहां स्कूल और कॉलेज बंद हैं। औरंगाबाद में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गईं और प्रदर्शनकारी धरना दे रहे हैं। उस्मानाबाद शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
औरंगाबाद-पुणे मार्ग भी बंद है और यहां मराठा क्रांति मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। औरंगाबाद में सरकारी बसों की सेवा मंगलवार को बंद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, औरंगाबाद और उस्मानाबाद को छोड़कर राज्य के दूसरे हिस्सों में महाराष्ट्र बंद का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। इसकी वजह है कि महाराष्ट्र क्रांति मोर्चा के ‘महाराष्ट्र बंदÓ में मुंबई-पुणे, सातारा, सोलापुर शामिल नहीं हैं। इस बीच औरंगाबाद में जल समाधि प्रदर्शन के दौरान गोदावरी में एक मराठा प्रदर्शनकारी के कूदने के चलते हुई मौत के बाद मृतक के परिवार को मुआवजा और भाई को नौकरी देने का वादा प्रशासन की ओर से किया गया है।
श्रद्धालुओं से भरी बस फंसी
इस बीच महाराष्ट्र बंद की वजह से पंडरपुर में आयोजित ‘वारी’ (एक धार्मिक यात्रा) में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं से भरी बस पिछली रात से लातुर बस स्टैंड पर फंसी हुई है। बस कंडेक्टर ने बताया, ‘हमें अपने रिस्क पर आगे जाने के लिए कहा गया है। लोगों ने कहा, ‘यहां कोई स्टाफ नहीं है और हमारे पैसे भी नहीं लौटाए जा रहे हैं।’
मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों का प्रदर्शन
औरंगाबाद के डीएम उदय चौधरी ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने मराठा क्रांति मोर्चा की ज्यादातर मांगें स्वीकार कर ली है। साथ ही आरक्षण की मांग की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को भेजी जाएगी। हम युवक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देंगे।’ दूसरी ओर जल समाधि प्रदर्शन के दौरान गोदावरी नदी में कूदे शख्स की मौत के खिलाफ मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों का प्रदर्शन जारी है।
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गोदावरी नदी में कूद गया था शख्स
मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्य उसी पुल पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां से शख्स नदी में कूद गया था। महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समुदाय का आंदोलन अब तक शांतिपूर्ण रहा था, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में उनका उग्र होना देवेंद्र फडणवीस सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला है।
प्रदर्शन करते लोग
सीएम के फैसले से नाराज मराठा समुदाय
सोमवार को दोपहर में परभनी के गंगाखेड़ में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बसों में तोडफ़ोड़ की और पुलिस की गाडिय़ों पर हमले किए। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल में कहा था कि वह 72,000 सरकारी नौकरियां देने की घोषणा कर सकती है। सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए 16 प्रतिशत पद आरक्षित रखने का सीएम का फैसला इस आग को ठंडा करने के बजाय और भड़का रहा है।
मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्य
इसी को मराठों के विरोध-प्रदर्शनों को हवा मिलने का सबब माना जा रहा है। मराठा समुदाय ने राज्य सरकार से तब तक कोई भर्ती नहीं करने की मांग की है, जब तक वह नौकरियों में उन्हें आरक्षण देने की उनकी मांग पर कोई कदम नहीं उठा लेती।