नोएडा। शहर में अवैध रूप से चल रहे पेइंग गेस्ट हाउस और गेस्ट हाउस को लेकर जिला प्रशासन शिकंजा कसना शुरू किया। मगर कुछ दिन बाद ही प्रशासन के सामने ऐसे तथ्य सामने आने लगे कि यह कार्रवाई केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गई। अलग-अलग सेक्टरों में बने पीजी और गेस्ट हाउस धड़ल्ले से चल रहे हैं। मगर किसी का भी रजिस्ट्रेशन नहीं है।
जिलाधिकारी बीएन सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार सिंह बार-बार नोटिस जारी कर चेतावनी दे चुके हैं। मगर अब तक कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इनके खिलाफ केवल प्राधिकरण कार्रवाई कर सकता है। क्योंकि प्राधिकरण के लैंडयूज के हिसाब से मौके पर क्या है इसे देखकर इनके खिलाफ सील करने तक की कार्यवाही की जा सकती है।
प्राधिकरण अधिकारियों को जिला प्रशासन कई बार रिमाइंडर नोटिस भेज चुका है। लेकिन इन नोटिसों का प्राधिकरण पर कोई असर नहीं है। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जब तक प्राधिकरण उनके साथ नहीं आएगा तब तक अवैध पीजी और गेस्ट हाउस पर अंकुश लगाना काफी मुश्किल है। क्योंकि उनके हाथ में बहुत ज्यादा वैधानिक कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो प्राधिकरण ने जिला प्रशासन को अवैध पीजी और गेस्ट हाउस रोकने के मामले में पंगू कर दिया है। इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जितने भी अवैध पीजी और गेस्ट हाउस चल रहे हैं उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। लेकिन उन लोगों का तर्क है कि रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं, क्योंकि सराय एक्ट में अनापत्ति प्रमाण पत्र होना जरूरी है। जो कि उनको नहीं मिल पा रहा है। जब तक एनओसी नहीं मिलेगी तब तक पीजी और गेस्ट हाउस सराय में दर्ज नहीं किए जा सकते हैं।