पटना। बिहार सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की गुरुवार सुबह नाश्ते पर मुलाकात हुई है। जेडीयू के एनडीए में लौटने के बाद अमित शाह की इस पहली बिहार यात्रा में इन दोनों नेताओं की मुलाकात आने वाले दिनों की सियासी तस्वीर की दशा और दिशा के लिहाज से बेहद अहम है। 2019 के लोकसभा चुनाव में चेहरा किसका होगा और किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इन दो सवालों का रास्ता एनडीए के किसी दल को नहीं सूझ रहा। कहा जा रहा है कि अमित शाह और नीतीश की मुलाकात इन्हीं सवालों के इर्द-गिर्द केंद्रित है। आधे घंटे से अधिक चली इस मुलाकात के बाद नीतीश मुस्कुराते हुए बाहर तो निकले लेकिन जेडीयू या बीजेपी, किसी भी दल की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। शाह और नीतीश की इस बैठक में बिहार के डेप्युटी सीएम सुशील मोदी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय भी मौजूद थे। शाह रात के भोजन के दौरान भी सीएम आवास में नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे। ऐसे में अहम सवाल यह है कि इस ‘पॉलिटिकल नाश्ते और ‘पॉलिटिकल डिनर का नतीजा क्या बिहार में एनडीए के सारे घटक दलों को साथ रखने में कामयाब हो पाएगा? हालांकि एनडीए में शामिल सभी दल, बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी और आरएलएसपी ने समय-समय पर गठबंधन के बने रहने का दावा किया है।
लेकिन सीट शेयरिंग और चुनावों में किसे चेहरा बनाया जाए, इसे लेकर सबका अपना स्टैंड है। नीतीश भी अबतक ‘साथ-साथ’ और थोड़े ‘खफा-खफा’ वाले मूड में नजर आ रहे हैं।
बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड
बिहार में नीतिश कुमार को सभी घटक दल मानेंगे बड़ा भाई
लोकसभा सीटों पर तालमेल
स्पेशल स्टेट्स या विशेष पैकेज
बिहार प्लस पर कैसे बनेगी बात?
नीतीश बड़ा भाई
नीतीश कुमार यह भी चाहते हैं कि बिहार में एनडीए का चेहरा उन्हें ही बनाया जाए। हालांकि नीतीश की इस चाहत पर सासाराम से बीजेपी के सांसद छेदी पासवान एक वार कर चुके हैं। छेदी पासवान ने कहा है कि पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। हालांकि रिपोर्ट्स इस ओर भी इशारा कर रहीं हैं कि बीजेपी को नीतीश की इस मांग पर कोई खास दिक्कत नहीं है लेकिन एलजेपी और आरएलएसपी ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है।