लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गई जब बीते दिन करीब 100-200 विधायक सरकार के खिलाफ ही विधानसभा में धरने पर बैठ गए। उन्होंने अलग-अलग मांगों को लेकर धरना किया था।
हालांकि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ-साथ संगठन मंत्री सुनील बंसल तुरंत सक्रिय हुए और उन्होंने विधायकों से बातचीत शुरू कर दी। बात फिर भी नहीं बनी लेकिन जब विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को आश्वासन दिया तो धरना खत्म हो गया।
इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता फिलहाल बोलने से बच रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इन विधायकों की कुछ अपनी समस्याएं थी जिन पर यूपी सरकार गौर नहीं कर रही थी। इन्हीं सब मांगों को लेकर इतनी बड़ी तादाद में विधायक एकजुट हो गए और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
सूत्र बता रहे हैं कि नंदकिशोर गुर्जर ने इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से माफी मांगी है। इस पूरे प्रकरण की जांच कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपी गई है ताकि सरकार को सही तथ्यों का पता चल सके।
गौरतलब है कि विधानसभा में 100 से 200 विधायकों के धरने पर बैठने की सूचना से राजधानी में हड़कंप मच गया। तुरंत सीएम को सूचना दी गई। उसके बाद पूरे प्रकरण को शांत करा दिया गया। सवाल यह है कि अपनी ही सरकार के खिलाफ आखिर विधायक बगावती तेवर क्यों दिखा रहे हैं।