YOGA DAY: योग न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। बल्कि इसके अभ्यास की आदत से हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने से लेकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने तक के लिए योग केअभ्यास की आदत से फायेदा होता है। यह बातें दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट लंग डिजीज अस्पताल के चेयरमैन व हृदय और फेफड़े प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. राहुल चंदोला ने कहीं। वह बताते हैं कि हृदय रोगों को दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारक के तौर पर जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में हृदय रोग के बढ़तों मामलों ने चिंता बढ़ाई है। कम उम्र के लोग हृदय के गंभीर रोगों के खतरे के बीच हैं। 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के बीच हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में देखा गया कि कम उम्र के ऐसे लोग जो जिम जाते हैं और फिटनेस पर ध्यान देते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ा। ऐसे में लोग जिम जाने से भी डरने लगे हैं कि कहीं यह हार्टअटैक के खतरे की वजह तो नहीं। हालांकि हृदय रोग की समय पर पहचान करके और बचाव के उपायों को अपनाकर हृदय के जोखिम को कम किया जा सकता है। सबसे जरूरी है कि हृदय को स्वस्थ रखा जाए। इसके लिए दिनचर्या में पौष्टिक आहार को शामिल करें। नियमित योग-व्यायाम की आदत डाले।
खराब लाइफस्टाइल और व्यायाम की कमी से बढ़ रहा हार्ट अटैक
डॉ. राहुल चंदोला बताते हैं कि खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, तनाव, आलस्य, देर रात तक जागना और अगली सुबह देर तक सोने से कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट बढ़ता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा से हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 मिलीग्राम/डीएल से कम होनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। खराब कोलेस्ट्रॉल ब्लड फ्लो यानी रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। आजकल लोग गलत तरीके से एक्सरसाइज और बॉडी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सप्लीमेंट्स भी इस जानलेवा कंडीशन की वजह बन सकते हैं। ऐसे में सभी लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। आज के जमाने में अधिकतर लोग फिजिकल फिटनेस पर तो ध्यान दे रहे हैं, लेकिन मेंटल हेल्थ को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं. मेंटल हेल्थ का दिल पर सीधा असर होता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट अटैक से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और अन्य बीमारियों को कंट्रोल करना चाहिए। समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। जंक फूड और शुगर ड्रिंक्स को अवॉइड करना चाहिए। स्मोकिंग करने से हार्ट हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है। बीड़ी, सिगरेट और अन्य स्मोकिंग वाली चीजों का धुंआ हार्ट के लिए गंभीर खतरे पैदा करती है। धूम्रपान करने से सेहत पर नेगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में स्मोकिंग से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए। मेंटल हेल्थ का दिल पर सीधा असर होता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
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इन योग के अभ्यास करने से होता है लाभ
योग का अभ्यास, हृदय रोग का कारण बनने वाले उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हैं जिससे हृदय गति कम करने में मदद मिल सकती है। योग करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। योग हृदय की क्षमता को बढ़ाने में मदद करने के साथ अन्य रोगों के खतरे को भी कम करने में सहायक है। हम सभी कुछ ऐसे आसनों का अभ्यास करते हैं जो हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। प्राणायाम का अभ्यास मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। हृदय रोग का मुख्य कारक उच्च रक्तचाप होता है, जिसे कम करने के लिए भी प्राणायाम योगासन किया जा सकता है। प्राणायाम के अभ्यास से हृदय की मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त संचार बेहतर होता है। हृदय पर बनने वाले किसी भी अतिरिक्त दबाव को प्राणायाम योगासन का अभ्यास कम कर सकता है। वीरभद्रासन योग का अभ्यास रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और तनाव को कम करता है। इस आसन को करने से पूरा शरीर लचीला होता है और हृदय की क्षमता में सुधार व हृदय की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। हृदय की सेहत के लिए धनुरासन का असरदार है। इससे हृदय की मांसपेशियां मजबूत बनती है, पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग के साथ ही हृदय पर अतिरिक्त पड़ने वाला दबाव कम होता है।
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हृदय रोग के लक्षण
छाती में दर्द, सीने में जकड़न, सांसों की कमी, गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द, अनियमित दिल की धड़कन धीमी या तेज, पैरों या भुजाओं में सुन्नपन, चक्कर आना या बेहोशी, थकान, जी मिचलाना, सिर घूमना या चक्कर आना।
हृदय रोग से बचाव
-स्ट्रेस से रहें दूर।
-नियमित व्यायाम और योग करे।
-तंबाकू यानी बीड़ी, सिगरेट और शराब का त्याग करें।
-शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराए।
-हाई कैलोरी, मीठी चीज और तला भुना खाने से परहेज करें।
-हरे पत्तेदार सब्जियां, फल, हल्के दूध को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।
-फास्ट फूड यानी बर्गर, चाउमिन, पिज्जा, मोमो, चिल्ली पोटैटो, फ्रेंच फ्राइड से दूर रहे।
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आईएचएलडी के बारे में
IHLD उत्तर भारत के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जो जटिल सर्जरी, न्यूनतम इनवेसिव और हाइब्रिड महाधमनी सर्जरी, हृदय-फेफड़ों के प्रत्यारोपण और ईसीएमओ जैसे हृदय और फेफड़ों के समस्त रोगों के लिए अत्यधिक विशिष्ट समाधान प्रदान करता है।
कौन है डॉ राहुल चंदोला
डॉ। राहुल चंदोला।, टोरंटो जनरल अस्पताल, सनीब्रुक अस्पताल, अलबर्टा विश्वविद्यालय और हम्बोल्ट विश्वविद्यालय, जर्मनी सहित दुनिया के कुछ शीर्ष संस्थानों में 22 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ एक प्रसिद्ध कार्डियो-थोरेसिक और हृदय-फेफड़ा प्रत्यारोपण सर्जन हैं ।