Yamuna Authority in recovering outstanding money: ग्रेटर नोएडा। बिल्डरों पर नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण का बकाया चल रहा है, लेकिन बिल्डरों से पैसा वसूली कैसे की जाए इसको लेकर तीनों ही प्राधिकरण नई नई रणनीति बनाती रहती है, लेकिन बकाया वसूली में देखा जाए तो यमुना प्राधिकरण ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पछाड़ दिया है। दरअसल, अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों से वसूली के पुराने सभी रिकाॅर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। हालांकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राधिकरण ने बिल्डरों से अब तक 437 करोड़ राजस्व वसूला है। यह आंकड़ा पिछले पांच वर्ष में हुई वसूली का दोगुना है। बता दें कि पांच वर्ष में सबसे अधिकतम वसूली वर्ष 2020-21 में 78.33 करोड़ रुपये थी। बिल्डरों की वसूली के साथ ही इनकी परियोजनाओं में फंसे खरीदारों को राहत मिली है और उनके घर का सपना पूरा होने की उम्मीद भी जगी है।
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यमुना प्राधिकरण ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में ऐस इंफ्रासिटी के खिलाफ दायर याचिका को वापस ले लिया है। दोनों पक्षों की सहमति के बाद एस इंफ्रा की ओर से प्राधिकरण को 237 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में कुल 9 बिल्डर परियोजना है। इनमें ज्यादातर एक दशक से ज्यादा समय पहले शुरू हुई थी मगर उन्होंने लीज रेंट समेत कई प्रकार के भुगतान प्राधिकरण को नहीं दिए। इससे अधिकांश प्रोजेक्ट में फंसे खरीदारों की रजिस्ट्री समेत अन्य विकास कार्य अटक गए थे। बिल्डर व बाॅयर्स की समस्याओं को सुलझाने के लिए दिसंबर 2023 में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए शासनादेश जारी हुआ था। इस आदेश के बाद प्राधिकरण ने बकाया जमा करने के लिए बिल्डरों से बातचीत और दबाव बनाना शुरू किया। इसलिए वर्ष 2024-25 में अब तक प्राधिकरण ने बिल्डरों से वसूली के अपने भी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्राधिकरण के सीईओ डा अरूणवीर सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि प्राधिकरण का जितना भी बकाया है उसे जल्द से जल्द वसूल किया जाएं। इसके अलावा बायर्स के हितों की सुरक्षा भी की जाए।
इन बिल्डरों ने जमा कराया बकाया
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें आने के बाद लॉजिक्स बिल्डस्टेट व ओमनीस बिल्डर ने 25 फीसदी पूरी धनराशि जमा कर दी है। इन दोनों बिल्डरों के अलावा छह सबलेसी भी अपना पूरा बकाया जमा करा चुके हैं। यीडा क्षेत्र में 100 एकड़ से अधिक बड़ी परियोजना में शामिल ग्रीनवे इंफ्रास्टक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने 92 करोड़ जमा कराए हैं। एटीएस ने पांच करोड़ जमा कर शेष के लिए अगस्त तक समय मांगा है। यहां की कई बिल्डर परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं।
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इस प्रकार हुई वसूली
वसूली
2020-21
78.33 करोड़
2021-22
26.24 करोड़
2022-23
56.04 करोड़
2023-24
24.72 करोड़
2024-25
437 करोड़