New Delhi. ‘‘पान सिंह तोमर ’’ ‘‘आई एम कलाम’’ ‘‘धूप’’, ‘‘मैंने गांधी को नहीं मारा’’ जैसी मशहूर फिल्मों के लेखक संजय चौहान अब इस दुनिया में नहीं रहें. लिवर की गंभीर बीमारी वे काफी समय से ग्रसित चल रहे थे. एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में उनका इलाज पिछले कई दिनों से चल रहा था.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संजय चौहान अपने पीछे पत्नी सरिता और बेटी सारा को छोड़ गए हैं. वे लेखकों के अधिकारों को लेकर भी बहुत सजग थे. संजय चौहान भोपाल में पले-बढ़े. उनकी मां एक टीचर थीं, जबकि पिता भारतीय रेलवे में काम करते थे.
संजय चौहान ने अपना करियर एक जर्नलिस्ट के तौर पर शुरू किया था. वे सोनी टीवी के लिए क्राइम ड्रामा ‘भंवर’ लिखने के बाद मुंबई शिफ्ट हो गए थे. उन्होंने साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ के डायलॉग भी लिखे थे, जिसमें शाइनी आहूजा ने अहम रोल निभाया था.
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फिल्म ‘PAAN SINGH TOMAR’ और ‘I AM KALAAM’ के लिए उनका काम सबसे ज्यादा यादगार था. ‘पान सिंह तोमर’ को जहां बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला, वहीं ‘आई एम कलाम’ ने देसी-विदेशी अवॉर्ड शोज में कई पुरस्कार अपने नाम किए थे. इस फिल्म के चाइल्ड आर्टिस्ट हर्ष मेयर ने बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट कैटगरी में नेशनल अवॉर्ड जीता था.