ghaziabad news ससुराल पक्ष से पीड़ित राखी खुद को और समाज की अन्य पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर आमरण अनशन पर बैठीं है। पीड़ित महिला पहलवान राखी का संघर्ष तीसरे दिन भी जारी रहा। राखी ने भावुक शब्दों में कहा, “अगर मेरी जान चली जाए, तो कैंडल मार्च मत निकालना, घी के दीये जलाना। क्या फर्क पड़ता है, अगर एक और बेटी मर जाए?” राखी ने अवंतिका निवासी अपने ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न और बिना कारण घर से निकाले जाने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, बल्कि उन लाखों महिलाओं की आवाज है जो अन्याय और हिंसा का शिकार होती हैं। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में एक बहू को जिंदा जलाए जाने की घटना का जिक्र करते हुए राखी ने सवाल उठाया, “आखिर कब तक महिलाएं प्रताड़ना सहती रहेंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा,अभीअन्न का त्याग किया , जल्द ही जल का भी त्याग करने को तैयार हैं।
राखी के इस आंदोलन को सामाजिक संगठनों, महिला अधिकार कार्यकतार्ओं और आम लोगों का समर्थन मिल रहा है। जिला मुख्यालय पर उनके धरने और अनशन स्थल पर लगातार लोग एकजुट होकर उनकी आवाज बन रहे हैं। मेडिकल टीम ने अनशन स्थल पर पहुंचकर राखी की स्वास्थ्य जांच की, लेकिन जिला प्रशासन या पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
राखी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो उनका आंदोलन और अधिक उग्र रूप ले सकता है।
राखी ने कहा मैं अपने हक के लिए लड़ रही हूं, और अंत तक लड़ूंगी।
राज्य महिला आयोग ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन
राज्य महिला आयोग के एक प्रतिनिधि ने राखी से फोन पर बात की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि का कहना है कि आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से मामले की जानकारी ली है और समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
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