Adani Group को लेकर क्यो हो रहा हंगामा, जानें पूरा मामला
1 min read

Adani Group को लेकर क्यो हो रहा हंगामा, जानें पूरा मामला

Adani Group: अमेरिका की रिसर्च फर्म (Hindenburg Research farm)ने देश की सबसे बड़ी कंपनी अडानी को एक ही रिपोर्ट में हिलाकर रख दिया। ऐसा क्यो हो रहा है हर एक आम व्यक्ति के मन में सवाल उठ रहा है। आखिर क्या माजरा है क्यो अडानी के शेयर गिर रहे है। पहले भी ऐसी रिपोर्ट आई है तब अदानी का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब उसी बात पर इतना हंगामा मचाकर आखिर क्या हासिल होने की उम्मीद लगाई जा रही है?

दरअसल भारत की जनता की याददाश्त कमजोर कहें या भूलने की अधिक शक्ति। मीडिया भी अदानी की बड़ी से बड़ी नकारात्मक खबर को देखकर भी अनदेखा कर देता है वरना लोगों को क्या यह याद नहीं होता कि साल 2021 में अदानी के जन्मदिन से चंद रोज पहले पत्रकार सुचेता दलाल के एक ट्वीट ने अदानी के शेयरर्स को नीचे लगा दिया था। बिल्कुल इसी तरह, जैसे विदेशी एजेंसी की रिपोर्ट के आने के बाद इस वक्त लगी पड़ी है।

साल 2021 में 18 जून को सुचेता दलाल (Sucheta Dalal) ने यही हेरान करने वाला खुलासा किया था , जो आज विदेशी एजेंसी ने किया है। तब दलाल के इस खुलासे से पहले तक अदानी के शेयर इतनी तेजी से भाग रहे थे कि 24 जून को अदानी अपने जन्मदिन पर वह एशिया के सबसे अमीर आदमी बनने का ऐलान करने की तैयारी कर रहे थे। एशिया के अमीर आदमी का रुतबा तब अंबानी को हासिल था इसलिए यह खबर काफी बड़ी थी।

 

फिर सुचेता के ट्वीट ने अदानी के शेयर लुढकाकर जन्मदिन पर एशिया का सबसे बड़ा धनकुबेर बनने का उनका सपना तोड़ दिया। सेबी द्वारा भी कुछ कड़े कदम उठाने और इन आरोपों की जांच शुरू करने की खबरें आने लगी। अडानी के भाई मॉरिशस और पनामा आदि रूट से फर्जी कम्पनियों द्वारा अदानी के शेयरों में कृत्रिम उछाल लाकर अदानी को अंबानी से अमीर बनाने के खेल में शरिक हैं।

Adani Group: आंकड़ों के अनुसार उस साल यानी 2021 मई में रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 5.73 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी, जबकि अदानी कुल 4.98 लाख करोड़ की पूंजी के साथ एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए थे।

चैंकने वाली बात तो यह थी कि अदानी की लगभग पांच लाख करोड़ की इस पूंजी में आधी दौलत यानी ढाई लाख करोड़ साल 2021 में जून तक महज छह महीनों में शेयरों की हैरतअंगेज तेजी से कमाई गई थी। शेयरों में तेजी की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसने अदानी को दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस और एलॉन मस्क से भी ज्यादा तेज रफ्तार से कमाई करने वाले बिजनेसमैन में बदल दिया

अडानी की शेयर बाजार (Share Market) में लिस्टेड 6 कंपनियों का मार्केट कैप उस दौरान कुछ ही महीनों में 41.2 गुना बढ़ा। 2020 में अदानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप जहां 1.5 लाख करोड़ रुपए था , वह बढ़कर अदानी के जन्मदिन पर 8.5 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।
जिसने उन चंद महीनों में अदानी के शेयरों में पैसा लगाया , उसे मिला रिटर्न देखें तो अदानी इंटरप्राइजेज का रिटर्न 12.18 गुना, ग्रीन एनर्जी का 4.5 गुना, अदानी टोटल गैस का 13.44 गुना, अदानी ट्रांसमिशन का 8.66 गुना, अदानी पावर का 4.11 गुना और अदानी पोर्ट का 3.02 गुना रिटर्न रहा।

सुचेता दलाल ने शेयर बाजार में जब हर्षद मेहता (Harshad Mehta) के दौर जैसी ही या उससे भी कहीं बड़ी कृत्रिम तेजी देखी तो उन्होंने अपने ट्वीट से इसे उजागर कर दिया। लेकिन उसके बाद सुचेता को सेबी या मीडिया की तरफ से कोई सुगबुगाहट नहीं मिली और सरकार ने भी अडानी पर अपनी कृपा बनाए रखी। लिहाजा अपने जन्मदिन पर एशिया का सबसे आदमी बनने का अडानी का सपना टूटा तो अगले ही साल दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनकर उसकी भरपाई उन्होंने कर डाली।

अडानी पिछले एक-डेढ़ साल से दुनिया के सबसे रिचेस्ट मैन का दर्जा हासिल करने की रेस में कड़ी टक्कर दे रहे थे कि अचानक इस जश्न में अब एक विदेशी संस्था ने खलल डाल दिया। उसने आरोप लगाया कि अदानी के कारोबार और शेयर कीमतों आदि में गैरकानूनी और कृत्रिम तरीकों से हवा भरी गई है यानी अदानी का कारोबार खोखला है।

यह भी पढ़े: Noida News: समय पर जांच के बाद संभव है कैंसर का उपचार

अडानी कथा सुनाते है

बद नसीबी और गरीबी में लिया जन्म हुआ पिता चॉल में रहते थे तो बेटे गौतम अडानी को भी परिवार की भीषण गरीबी के कारण पढाई लिखाई छोड़नी पड़ी।

एक मामूली नौकरी लेकर कर किसी तरह किया शुरू में गुजर बसर
फिर जोड़ तोड़ करके जुटाई महज पांच लाख की पूंजी से शुरुआत की ब्रोकरेज का काम शुरू कियौ
35 वर्ष की उम्र तक तंगहाली की जिंदगी में ही गुजर बसर की।
ठसके बाद जैसे जैसे मोदी आगे बढे तो उनहके साथ-साथ ही चढ़ी तरक्की की सीढ़ियां चढी

आईए बताते है सफरनामाः नरेंद्र मोदी ने 1998 में गुजरात विधानसभा चुनाव चयन समिति के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक पारी जब शुरू की और साल 2001 में गुजरात के सीएम बने तो अडानी भी 1998 में सैकड़ों करोड़ का पहला बड़ा ठेका पाकर 2001 में दूसरा अहम ठेका पाकर मोदी के साथ साथ ही चढ़ते गए एक के बाद एक तरक्की की सीढियां।
सफर यही नही रूका सन 2014 में नरेंद्र मोदी ने अडानी के प्लेन से ही दिल्ली आकर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी ने पीएम बनते ही नवाज शरीफ को भारत बुलाया और भारत-पाकिस्तान के बीच पहला करार हुआ अडानी के लिए। पाकिस्तान को 10 हजार मेगावाट की बिजली बेचने की डील हो गई।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 2013 में जिस अडानी समूह के पास 44 सरकारी प्रोजेक्ट्स थे, वे 2019 के अंत तक बढ़कर 92 हो गए। फिलहाल कितने सरकारी प्रोजेक्ट्स हैं, इसका कोई आंकड़ा नहीं मिल सका है।

यह भी पढ़े: Social Media Reels: रईशजादो की करतूत, अब ढूढ रही पुलिस

ऐसे दो बार हुआ मौत से सामना

अडानी ने कारोबार की दुनिया में बुलंदियां छूनी शुरू की, किडनैपिंग किंग कहे जाने वाले बबलू श्रीवास्तव गिरोह ने कर लिया था अपहरण, 15 करोड़ की फिरौती देकर छूटने की थी चर्चा। वहीं मुम्बई हमले के दौरान ताज होटल में भी 24 घंटे तक आतंकवादियों के बंधक रहे थे।
वही अडानी समूह के अंतर्गत कई कंपनियां हैं, जिनका 2017-18 में 77 हजार करोड़ रुपए का टर्न-ओवर था, जबकि इसमें 20 हजार 141 करोड़ रुपए का ऑपरेटिंग प्रॉफिट था। गौतम अडानी ने इसके अलावा देश की सबसे बड़ी एडिबल ऑइल (खाद्य तेल) रिफाइनरी भी बनाई है, जहां प्रति दिन 10 हजार 105 टन तेल का उत्पादन होता है।

अडानी के ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में अपना विस्तार न सिर्फ पोर्ट, कोल इंपोर्ट्स, कोल माइनिंग, पावर जेनरेशन, सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन में किया है, बल्कि खाद्य सामग्री में इस्तेमाल होने वाले तेल के आयात में किया भी है। इतना ही नहीं, उनकी कारोबारी रुचि इन चीजों के अलावा एयरपोर्ट्स, शहरी जल प्रबंधन, छोटे और मध्यम क्षेत्र को उधार देने, डेटा सेंटर, मेट्रो रेल, एयरोस्पेस और रक्षा आदि में भी है।

मोदी सरकार ने सरकार ने देश भर में पेट्रोल पंप और पाइप वाली नेचुरल गैस के स्टेशन स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड संख्या 126 में कॉन्ट्रैक्ट निकाले थे, जिसमें से 25 अडानी समूह को मिले। इसी तरह देश के छह में से पांच अहम एयरपोर्ट को चलाने का 50 साल तक का जिम्मा भी अडानी समूह को ही मिला है।

अडानी को ऑस्ट्रेलिया में अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम करने की अंतिम अनुमति भी इसी साल जुलाई में मिल गई है। यह प्रोजेक्ट है कारमाइकल कोयला खदान प्रोजेक्ट (ब्ंतउपबींमस बवंस उपदम चतवरमबज)। ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड स्टेट अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट के ग्राउंडवॉटर मैनेजमेंट प्लान को मंजूरी दे दी है। अडानी के इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 21.7 अरब डॉलर (1.50 लाख करोड़ रुपए) है। कारमाइकल कोल माइन को सालाना 6 करोड़ टन कोयला उत्पादन करने की अनुमति मिली है। इस उत्पादन क्षमता के साथ कारमाइकल दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान बनने जा रही है।
दामन पर हैं पहले से कई दाग

-दिसंबर 2002 की बात है। दिल्ली पुलिस ने गौतम अडानी को एयरपोर्ट पर धर लिया। उनके ख़िलाफ वित्तीय धोखाधड़ी मामले में गैर-जमानती वारंट निकला हुआ था।

एक विदेशी मीडिया समूह, द गार्डियन ने एक रिपोर्ट छापी थी कि गौतम अडानी कैसे टैक्स चोरी कर रहे हैं। रिपोर्ट में क्त्प् के हवाले से मॉरीशस स्थित एक फर्जी कंपनी की मदद से 15 अरब रुपए की हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि अडानी पर कई लाख करोड़ रुपए का बैंक लोन है, जिसे हाल ही में सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘संभावित एनपीए’ करार दिया। यदि अब शेयर मार्केट में गिरावट आई तो हाल ओर बुरा हो सकता है।

 

यहां से शेयर करें