क्यों नही बस पा रही यीडा सिटी, अब आवंटियों पर पड़ेगी मार

Yamuna Authority:

Yamuna Authority News: यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यीडा सिटी के बस न पाने को लेकर अब चर्चा शुरू हो गई है। लोग प्लाॅट लेने के लिए बहुत रुचि दिखा रहे है लेकिन निर्माण कराने में कोई इंटरेस्ट नही है। अब प्राधिकरण की और से ऐसे आवंटियों पर कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल, ज्यादातर छोटे भूखंड मालिक ही निर्माण की पहल कर रहे हैं। अब तक भवन निर्माण के लिए स्वीकृत 1,731 मानचित्रों में से अधिकांश 300 वर्ग मीटर या उससे छोटे भूखंड हैं। बड़े भूखंडों पर निर्माण न होने के कारण, प्राधिकरण के अधिकांश सेक्टर विरान दिखाई देंगे। इतना ही नही औद्योगिक सेक्टरों में भी दूर दूर तक इकाइयां स्थापित होती नही दिख रही।
2009 में आयी थी पहली आवासीय भूखंड की स्कीम
ब्ता दें कि यमुना प्राधिकरण ने 2009 में अपनी पहली आवासीय भूखंड योजना शुरू की थी। प्राधिकरण तब से अब तक 9 आवासीय भूखंड स्कीम में 30,000 से अधिक भूखंड आवंटित कर चुका है। सभी आवंटियों में से 50 प्रतिशत से अधिक, 16,562, को पंजीकरण के लिए चेकलिस्ट जारी की जा चुकी हैं। 12,000 से अधिक आवंटियों ने पंजीकरण कराकर कब्जा ले लिया है। प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, कब्जा प्राप्त करने के तीन साल के भीतर भवन का निर्माण और पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। निर्माण पूरा होने पर, शुल्क लेकर विस्तार दिया जाता है। ठीक ऐसा ही हाल औद्योगिक क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।

1,731 मानचित्रों को मंजूरी
प्राधिकरण ने अब तक 1,731 मानचित्रों को मंजूरी दी है। 300 वर्ग मीटर तक के भूखंडों वाले आवंटियों की अधिकतम संख्या 1,448 है, जबकि 1,000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों वाले आवंटियों की संख्या 267 है। बड़े भूखंडों वाले आवंटियों की संख्या बहुत कम है। 2,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में केवल 9 और 4,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में 7 आवंटियों को ही मानचित्र स्वीकृत हुए हैं।
1,093 आवंटियों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किए
प्राधिकरण ने 300 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में 1,093 आवंटियों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जारी किए हैं। 1,000 वर्ग मीटर से कम की श्रेणी में 97 आवंटियों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट हुए हैं। 2,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में किसी भी आवंटी को कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला है और 4,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में केवल 3 आवंटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं।

ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का बयान
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि जिन आवंटियों ने पहले ही कब्जा ले लिया है, उन्हें निर्माण शुरू करने के लिए कहा जा रहा है। जब भूखंडों पर निर्माण कार्य में तेजी आएगी, तभी शहर के विकास में तेजी आएगी।

 

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