Engineers Day 2025 News: आज पूरे देश में इंजीनियर्स डे धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह दिन भारत के महान इंजीनियर और भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के रूप में जाना जाता है। हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाने का मुख्य कारण सर विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है, जिन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। इस वर्ष की थीम “डीप टेक एंड इंजीनियरिंग एक्सीलेंसरू ड्राइविंग इंडियाज टेकेड” है, जो गहन तकनीक और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता पर जोर देती है।
सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन और योगदान
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक के चिकबल्लापुर जिले के मुद्देनाहल्ली गांव में हुआ था। उनके पिता संस्कृत विद्वान थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने बैंगलोर के सेंट्रल कॉलेज से बीए और पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
उनकी करियर की शुरुआत बॉम्बे प्रेसिडेंसी के पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट से हुई। वे मैसूर राज्य के दीवान (1912-1918) भी रहे, जहां उन्होंने राज्य को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके प्रमुख योगदानों में शामिल हैं:
पुणे के पास खडकवासला जलाशय पर ऑटोमैटिक स्लुइस गेट्स का डिजाइन, जो बाढ़ नियंत्रण में क्रांतिकारी साबित हुआ।
मैसूर में कृष्ण राजा सागर (केआरएस) बांध का निर्माण, जो आज भी सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
हैदराबाद शहर की बाढ़ सुरक्षा प्रणाली का विकास।
मैसूर में नए उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक कार्यों की स्थापना, जिसमें मैसूर सोप फैक्ट्री भी शामिल है।
सर विश्वेश्वरैया को 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वे पानी संसाधन, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक योजना के क्षेत्र में अपनी दूरदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। उनका निधन 14 अप्रैल 1962 को हुआ।
इंजीनियर्स डे का इतिहास और महत्व
भारत में इंजीनियर्स डे की शुरुआत 1968 से हुई, हालांकि कुछ स्रोतों में इसे 1967 से बताया जाता है। यह दिन इंजीनियरों के योगदान को सम्मानित करने और युवाओं को इंजीनियरिंग की ओर प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। सर विश्वेश्वरैया के कार्य आज भी देश के विकास में प्रासंगिक हैं, जैसे कि उनके बांध और सिंचाई प्रणालियां जो लाखों किसानों को लाभ पहुंचाती हैं।
इस दिन विभिन्न संस्थानों, कॉलेजों और कंपनियों में सेमिनार, वर्कशॉप और पुरस्कार वितरण आयोजित किए जाते हैं। यह इंजीनियरों को उनके समाज में योगदान के लिए सराहने का अवसर प्रदान करता है। विश्व स्तर पर इंजीनियर्स डे 4 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन भारत में यह सर विश्वेश्वरैया की जयंती पर केंद्रित है।
2025 की थीम और संदेश
इस वर्ष की थीम “डीप टेक एंड इंजीनियरिंग एक्सीलेंसरू ड्राइविंग इंडियाज टेकेड” पर आधारित है, जो भारत को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने पर फोकस करती है। वहीं, विश्व इंजीनियरिंग डे की थीम “इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस फॉर ए सस्टेनेबल वर्ल्ड” है, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ तकनीकी विकास को संतुलित करने पर जोर देती है।
इंजीनियर्स डे हमें याद दिलाता है कि इंजीनियर न केवल मशीनें बनाते हैं, बल्कि समाज को बेहतर बनाते हैं। सर विश्वेश्वरैया का मंत्र “इंडस्ट्रीलाइज ऑर पेरिश” आज भी प्रासंगिक है। इस अवसर पर सभी इंजीनियरों को शुभकामनाएं!
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