Pornhub News: दुनिया की सबसे बड़ी वयस्क वेबसाइट पोर्नहब ने दिसंबर 2020 में एक झटके में अपनी कुल वीडियो सामग्री का करीब 90% हिस्सा हटा दिया था। जहां पहले 13.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो उपलब्ध थे, वहीं अब केवल 2-3 मिलियन ही बचे है। यह कदम न केवल इंटरनेट जगत को चौंका गया, बल्कि सेक्स इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हुआ। लेकिन आखिर इस ‘मेगा पर्ज’ के पीछे क्या वजह थी? क्या यह कानूनी दबाव था, सामाजिक सक्रियता, या एक साहसी महिला की वायरल मुहिम? आइए, इस घटना के उदय, कारणों और परिणामों को विस्तार से समझते हैं।
पोर्नहब का तेजी से उदय: फ्री कंटेंट का साम्राज्य
पोर्नहब, जो कनाडा की कंपनी माइंडजीक (अब आयलो) द्वारा संचालित है, की शुरुआत 2007 में हुई थी। यह प्लेटफॉर्म यूजर-जनरेटेड कंटेंट पर आधारित था, यानी कोई भी व्यक्ति फ्री में अकाउंट बनाकर वीडियो अपलोड कर सकता था। 2020 तक, यह दुनिया का सबसे बड़ा पॉर्न साइट बन चुका था, जहां महीने में अरबों व्यूज आते थे। लेकिन इसी ‘ओपन अप्रोच’ ने समस्या की जड़ भी बो दी। प्लेटफॉर्म पर न केवल व्यावसायिक कंटेंट था, बल्कि गैर-सहमति वाले वीडियो, रेवेंज पॉर्न, और यहां तक कि नाबालिगों से जुड़ी सामग्री भी मौजूद थी।
ट्रिगर: निकोलस क्रिस्टॉफ की वायरल मुहिम और NYT की जांच
इस पर्ज की शुरुआत हुई एक साहसी पत्रकार की मुहिम से। न्यूयॉर्क टाइम्स के कॉलमिस्ट निकोलस क्रिस्टॉफ ने 4 दिसंबर 2020 को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने कई पीड़ित महिलाओं और लड़कियों की कहानियां बयां कीं थी।
रिपोर्ट का टाइटल था “The Children of Pornhub”, जो प्लेटफॉर्म पर मौजूद चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज मटेरियल (CSAM), रेप वीडियो और गैर-सहमति वाली सामग्री पर केंद्रित था। क्रिस्टॉफ ने खुलासा किया कि कैसे 14 साल की लड़कियों के वीडियो प्लेटफॉर्म पर अपलोड हो जाते थे, और पोर्नहब इन्हें हटाने में नाकाम रहा।
यह रिपोर्ट वायरल हो गई और सोशल मीडिया पर #TraffickingHub कैंपेन शुरू हो गया। क्रिस्टॉफ की यह मुहिम न केवल एक व्यक्ति की सक्रियता थी, बल्कि यह बड़े पैमाने पर सामाजिक आंदोलन का रूप ले लिया। रिपोर्ट ने खुलासा किया कि पोर्नहब पर सालाना 6.8 मिलियन वीडियो अपलोड होते थे, जिनमें से कई अवैध होते थे। इससे पहले भी 2019 में पेपाल ने पोर्नहब के साथ पार्टनरशिप खत्म कर दी थी, लेकिन NYT रिपोर्ट ने आग में घी डाल दिया।
कानूनी और वित्तीय दबाव: वीजा-मास्टरकार्ड का बहिष्कार
रिपोर्ट के तुरंत बाद, बड़े क्रेडिट कार्ड कंपनियों ने एक्शन लिया। मास्टरकार्ड और वीजा ने 14 दिसंबर 2020 को घोषणा की कि वे पोर्नहब पर पेमेंट्स को ब्लॉक कर देंगे। इन कंपनियों ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर अवैध कंटेंट मौजूद होने से उनके स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन हो रहा है। इससे पोर्नहब का राजस्व मॉडल खतरे में पड़ गया, क्योंकि ज्यादातर कमाई सब्सक्रिप्शन और प्रीमियम कंटेंट से होती थी।
पोर्नहब को मजबूरन अपनी पॉलिसी बदलनी पड़ी। 14 दिसंबर को उन्होंने घोषणा की कि केवल वेरीफाइड यूजर्स ही वीडियो अपलोड कर सकेंगे। वेरीफिकेशन प्रोसेस में यूजर को अपना आईडी, फोटो और यूजरनेम के साथ सेल्फी सबमिट करनी पड़ती है। नतीजा? सभी अनवेरीफाइड वीडियो सस्पेंड कर दिए गए, जिससे 10 मिलियन से ज्यादा वीडियो (करीब 80-90%) गायब हो गए। पोर्नहब ने इसे “यूजर-जनरेटेड प्लेटफॉर्म हिस्ट्री में सबसे सख्त सेफगार्ड्स” बताया।
प्रभाव: ट्रैफिक गिरा, लेकिन सेफ्टी बढ़ी?
इस पर्ज के बाद पोर्नहब का ऑर्गेनिक ट्रैफिक और सर्च रैंकिंग्स में गिरावट आई। हालांकि, कोर कैटेगरी में रैंकिंग बरकरार रही।
सेक्स वर्कर्स के लिए यह दोधारी तलवार साबित हुआ—एक तरफ गैर-सहमति वाली सामग्री कम हुई, लेकिन एमेच्योर क्रिएटर्स की कमाई प्रभावित हुई। पोर्नहब ने बाद में डाउनलोड फीचर हटा दिया और AI-बेस्ड टूल्स (जैसे माइक्रोसॉफ्ट का PhotoDNA) से कंटेंट स्कैनिंग शुरू की।
2025 में, अमेरिका का ‘टेक इट डाउन एक्ट’ लागू होने के बाद और वीडियो हटाए गए, जो डीपफेक और NCII (नॉन-कंसेंशुअल इंटीमेट इमेज) पर फोकस करता है। लेकिन 2020 का पर्ज ही टर्निंग पॉइंट था।
निष्कर्ष: एक सबक या सेंसरशिप?
पोर्नहब का यह पर्ज कानूनी दबाव, वित्तीय संकट और एक महिला की बहादुरी से प्रेरित मुहिम का नतीजा था। यह दिखाता है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। आज पोर्नहब ज्यादा सेफ है, लेकिन विवाद बरकरार हैं—कई का मानना है कि यह सेंसरशिप का रूप ले चुका है। क्या यह उद्योग के लिए नया दौर है या सिर्फ शुरुआत? समय बताएगा।

