प्राधिकरण की अतिक्रमण हटाओं नीति पर क्यो उठ रही उगलियां, जानिए

नोएडा प्राधिकरण की अतिक्रमण हटाओ नीति पर लगातार उंगलियां उठ रही है। आमजन के बीच चर्चाएं होने लगी है कि प्राधिकरण निष्पक्ष रूप से काम को अंजाम नहीं दे रहा है। अतिक्रमण के नाम पर केवल उन्हें लोगों के मकान दुकान तोड़े जा रहे हैं जिनकी प्राधिकरण में कोई सांठगांठ नहीं है। यही नहीं प्राधिकरण के अधिकारी बहुत से लोगों को नोटिस देकर शांत बैठ गए हैं। इसके अलावा काफी लोगो को रोकने के लिए रिपोर्ट दर्ज कराकर चुप बैठे हैं, लेकिन कहीं कहीं प्राधिकरण बिना नोटिस दिए तोड़फोड़ कर देता है। बरौला में प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर अवैध निर्माण की भरमार है। मगर प्राधिकरण शांत है, कार्रवाई के नाम पर दिखावा है। चारों ओर प्राधिकरण की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं। हालांकि प्राधिकरण अलग अलग स्थानों पर अवैध निर्माण में तोड़फोड़ भी करता है।

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यहाँ कराई आठ करोड़ की जमीन, बरौला में भी हुई दिखावटी तोड़फोड़
बता दें कि गुरुवार को अलग-अलग स्थानों पर आठ करोड़ की जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराई। इसमें वर्क सर्किल-8 के अन्तर्गत सलारपुर के खसरा संख्या 780 पर प्राधिकरण की अनुमति प्राप्त किये बिना निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत के लिए पिलर व स्लैब को प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया। मुक्त कराई गई 2000 वर्गमीटर भूमि की बाजार लागत करीब 4 करोड़ बताई गई। वहीं बरौला में शुक्रवार को तोड़फोड़ की गई, लेकिन भू माफियाओं की हिम्मत देखिए। प्राधिकरण की टीम के जाते ही दोबारा से निर्माण शुरू कर लेते हैंं। गावं हाजीपुर सेक्टर 104 में भी प्राधिकरण की ओर से अवैध कॉम्प्लेक्स बनाने वाले को नोटिस जारी किया गया, लेकिन अब तक तोड़फोड़ नहीं की गई। ऐसा लग रहा है कि प्राधिकरण उसे समय दे रहा है। ऐसा क्यो हो रहा ये तो प्राधिकरण अफसर ही बता सकते है। ऐसे कई मामले है जिसकों लेकर प्राधिकरण की नीति पर उगलियां उठ रही है।

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उधर, वर्क सर्किल-9 ने ग्राम गढ़ी शहदरा के खसरा संख्या-982 पर व्याप्त अतिक्रमण उन्मूलन की कार्यवाही की गई। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र ग्राम गढ़ी शहदरा के खसरा संख्या 982 पर अनाधिकृत निर्माण कराया जा रहा था। प्राधिकरण और पुलिस बल की सहायता से निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। मुक्त करायी गई 2000 वर्गमीटर भूमि की बाजार लागत करीब 4 करोड़ बतायी गई।

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