Wheat export: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खुले बाजार में गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के भंडार से 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं को खुले बाजार में उतारने का फैसला किया है।
Wheat export:
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को कहा गया कि ‘ओपन मार्केट सेल स्कीम’ (डोमेस्टिक) के माध्यम से आटा मिलों, गेहूं उत्पादकों, प्रसंस्करणकर्ताओं और अंतिम उपभोक्ताओं के लिए ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री की जाएगी।
केंद्र सरकार ने खाद्य अर्थव्यवस्था में महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए बनाई गई नीति के तहत गेहूं के लिए 2325 रुपये प्रति क्विंटल और 2300 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
मिलर के अनुसार, आटा मिल गेहूं के लिए परेशान हैं, क्योंकि मिलों के गेहूं का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। उन्होंने बताया कि आपूर्ति में कमी के कारण गेहूं की बोली ऊंची जाएगी। वहीं ,25 लाख टन गेहूं आसानी से सिर्फ एक महीने में ही खपाया जा सकता है। सितंबर में, केंद्र सरकार ने गेहूं के भंडारण पर सीमा कम कर दी थी, ताकि इसकी उपलब्धता बढ़ाई जा सके और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, इन कदमों से गेहूं की कीमतों में कोई खास कमी नहीं आई है। दिल्ली में गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड 32,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच गई हैं, जो अप्रैल में 25,000 रुपये थीं, और पिछले सीजन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 22,750 रुपये से कहीं अधिक हैं।
सरकारी गोदामों में नवंबर की शुरुआत में गेहूं का भंडारण 22.3 मिलियन टन था, जो पिछले साल के 21.9 मिलियन टन से थोड़ा अधिक था, लेकिन पांच साल के औसत 32.5 मिलियन टन से काफी कम है। व्यापारी के अनुसार, किसान नए सीजन की गेहूं की फसल की बुवाई कर चुके हैं, लेकिन आपूर्ति अगले साल मार्च से पहले उपलब्ध नहीं होगी।