नेटफ्लिक्स पर माधुरी दीक्षित को ये क्या कह दिया, जानें पूरा मामला
लोग महिलाओं पर चुटकुले बनाते हैं और कहते हैं ये कोई सीरियस यानी गंभीर बात नहीं। ये तो जोक है। महिलाओं का सबसे ज्यादा मजाक पुरुष उड़ाते हैं। उन पर सबसे ज्यादा चुटकुले पुरुष सुनते और सुनाते हैं। उनके केरेक्टर, उनकी आदतों पर, उनके शरीर पर हंसते हैं। उनकी जिंदगी से जुड़ी हर बात पुरुषों को मजाक का सबब है।
नेटफ्लिक्स पर माधुरी दीक्षित को नाटय के दौरान ऐसी बात कह दी कि शर्म आ जाए। ऐसा नहीं कि कुछ खास तरह की महिलाएं ही मर्दों के मजाक की इस जद में आती हैं। इस जद से कोई बाहर नहीं। वो कॉलेज में साथ पढ़ने वाली लड़की हो, दफ्तर में साथ काम करने वाली महिला या सड़क पर, ट्रेन में, बस में कहीं भी दिखने वाली कोई अंजान स्त्री।
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इसलिए जब अमेरिका की एक बेहद पॉपुलर सीरीज के पात्रों ने भारत की एक प्रतिष्ठित और सम्मानित अभिनेत्री को स्मचतवने च्तवेजपजनजम (कोढ़ी वेश्या) कहा तो इस बात पर गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन अचंभा जरा भी नहीं हुआ।
यह सिटकॉम टीनएज सीरीज है ‘बिंग बैंग थ्योरी।’ उसके दूसरे सीजन का पहला एपिसोड। इस एपिसोड में एक जगह दो पात्रों राज कूथरापल्ली और शेल्डन कूपर एक कमरे में बैठे बात कर रहे हैं। राज, जिसका कैरेक्टर प्ले कर रहे हैं कुणाल नय्यर और शेल्डन के रोल में हैं जिम पर्सन। दोनों सोफे पर बैठे हैं और सामने टीवी ऑन है।
स्क्रीन पर ये आया सामने
“यह ऐश्वर्या राय है न।”
राज जवाब देता है,- “हां, कितनी सुंदर है।”
इस पर शेल्डन कहता है,- “ये गरीबों की माधुरी दीक्षित है।”
इस पर राज गुस्सा हो जाता है और कहता है,”ऐश्वर्या राय तो गॉडेस है। उसकी तुलना में माधुरी दीक्षित ’ लेप्रस प्रॉस्टिट्यूट (कोढ़ी वेश्या) है।”
सिटकॉम में बातचीत का अंत ही इस तरह से करने की कोशिश की गई है कि वो मजाक लगे। जब शेल्डन राज से कहता है, “इससे पता चलता है कि तुम्हें हिंदी सिनेमा का कितना ज्ञान है।
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बैकग्राउंड में ठहाकों की आवाजें भी आती हैं। जैसे कितना कमाल का चुटकुला सुन लिया हो। दो टीन एज लड़के बैठकर अपने से उम्र में बड़ी, वरिष्ठ, अनुभवी, नामी, अपने काम से अपनी पहचान बनाने वाली एक स्त्री को वेश्या कहकर बुला रहे हैं और उनके लिए ये मजाक है। एक चुटकुला, जिस पर सिर्फ हंसी आनी चाहिए।
और इस चुटकुले को सुनने वाली स्त्रियों का दिल बैठ जाता है। इसलिए नहीं कि ये क्रूर, मर्दवादी जोक सिर्फ माधुरी दीक्षित के बारे में है। इसलिए क्योंकि ये हम सब औरतों के बारे में है।
मर्द औरतों के मुंह पर हमारा मजाक नहीं उड़ाते, लेकिन हमारा दिल जानता है कि वो पीठ पीछे, अपनी निजी महफिलों में हमारे बारे में ऐसे ही बात करते हैं। वो हमारे शरीर के अंगों का एक्सरे निकालते हैं, हमारे तरह-तरह के नाम रखते हैं, हम पर चुटकुले बनाते हैं, हमें पाने के हर जतन करते हैं और नाकाम होने पर हम उनके चुटकुलों का चरित्र बन जाते हैं।
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हर बार हर चुटकुले का चरित्र कोई पहचान की स्त्री ही हो, जरूरी नहीं, लेकिन हर चुटकुले की हर स्त्री आसपास की साधारण स्त्रियों जैसी ही होती है। मर्द सिर्फ माधुरी दीक्षित को वेश्या नहीं कह रहे, वो अपने आसपास की हर बुद्धिमान, आत्मनिर्भर, अपनी सोच और अपना दिमाग रखने वाली स्त्री को वेश्या कह रहे हैं। और यह कहकर वो उसका मजाक नहीं उड़ा रहे, वो उसका अपमान कर रहे हैं।