Wedding celebrations are turning into disaster: नवंबर से अब तक हर्ष फायरिंग से 8 मौतें, 12 से ज्यादा घायल, दिल्ली की घटना ने बढ़ाई चिंता

Wedding celebrations are turning into disaster: दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक शादी समारोह के दौरान नोट लूटते हुए 14 वर्षीय लड़के को गोली लगने से दर्दनाक मौत हो गई। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक जवान पर गोली चलाने का आरोप है, जिसे फिलहाल न्यायिक हिरासत में ले लिया है। मृतक के परिवार ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है, जबकि पुलिस जांच में जुटी हुई है। यह घटना शादी के मौसम में हर्ष फायरिंग की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर फिर से सवाल खड़े कर रही है, जहां खुशियां अक्सर खूनखराबे में बदल जाती हैं।

नवंबर 2024 से दिसंबर 2025 तक (वर्तमान तिथि तक) पूरे भारत में शादियों के दौरान हर्ष फायरिंग से कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़े विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज के आधार पर संकलित किए गए हैं, जो दर्शाते हैं कि यह समस्या उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा फैली हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग और जागरूकता की कमी इसकी मुख्य वजहें हैं।

प्रमुख घटनाएं जो हिला रही हैं समाज
• दिल्ली (शाहदरा): 14 वर्षीय लड़के की हत्या जैसी घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। परिवार का आरोप है कि सीआईएसएफ जवान ने बिना वजह फायरिंग की, जिससे बच्चा मौके पर ही दम तोड़ गया।

• हरियाणा (चरखी दादरी): 11-12 दिसंबर 2024 को एक 13 वर्षीय लड़की को शादी में हर्ष फायरिंग की गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
• उत्तर प्रदेश (कानपुर): 18 नवंबर 2024 को एक शादी में पिता तमंचा चेक कर रहा था, जब गोली अचानक चल गई और सीढ़ियों से उतर रही दो वर्षीय बेटी को लग गई। बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
• बिहार (रोहतास/सासाराम): 1 दिसंबर 2025 को एक शादी में हर्ष फायरिंग से 50 वर्षीय अधेड़ की मौत हो गई। दुल्हन के भाई को गोली लगी, और तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। पिस्टल भी बरामद हुई है।
• उत्तराखंड (हरिद्वार, लक्सर): 25 नवंबर 2024 को नौ वर्षीय बच्चे को शादी की फायरिंग में गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों में मातम पसर गया, और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया।
• पंजाब: 30 नवंबर 2025 को एक शादी में प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच फायरिंग से दो मेहमान मारे गए, जबकि दो अन्य घायल हुए। इससे पहले 11-12 नवंबर 2024 को फिरोजपुर में दुल्हन को गोली लगी, जो गंभीर रूप से घायल हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना की निंदा की।

इनके अलावा, लुधियाना (5 दिसंबर 2024) में 70 वर्षीय व्यक्ति ने मेहमान पर गोली चलाई, जो घायल हो गया। महराजगंज (यूपी, 4 दिसंबर 2024) में एक व्यक्ति के पैर में गोली लगी, जबकि ग्रेटर नोएडा (1 दिसंबर 2024) में 10 वर्षीय लड़का घायल हुआ। मथुरा (29 नवंबर 2024) में दुल्हन को हाथ में गोली लगी, कटिहार (बिहार, 14 नवंबर 2024) में एक व्यक्ति घायल हुआ, और सूरत (गुजरात, 9 दिसंबर 2024) में दो मेहमानों को चोटें आईं। हाथरस में हाल ही में चार लोग घायल हुए, जहां आरोपी को सात साल की सजा सुनाई गई।
क्या कहते हैं आंकड़े और विशेषज्ञ?

शादी के मौसम (नवंबर-दिसंबर) में हर्ष फायरिंग के मामले दोगुने हो जाते हैं। पिछले वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर भारत में प्रतिवर्ष 20-30 मौतें दर्ज होती हैं, लेकिन 2024-25 में यह संख्या पहले ही पार हो चुकी है। सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारी इसे “अनावश्यक शौक” बता रहे हैं, जो परिवारों को बर्बाद कर देता है। पंजाब और यूपी पुलिस ने पहले ही हथियारों पर सख्ती बढ़ा दी है, लेकिन जागरूकता अभियान की कमी बनी हुई है।

परिवारों की मांग है कि लाइसेंसी हथियारों पर कड़ी पाबंदी लगे और दोषियों को फांसी जैसी सजा दी जाए। दिल्ली पुलिस ने भी शाहदरा मामले में आरोपी जवान के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। यह समय है कि समाज इस घातक परंपरा को त्यागे, वरना शादियों की रौनकें मातम में बदलती रहेंगी।

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