समाज का जख्म हरे करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं करेंगे: इंद्रजीत  
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समाज का जख्म हरे करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं करेंगे: इंद्रजीत  

सिख समाज ने पत्रकार वार्ता कर जताया एमरजेंसी फिल्म और कंगना के बयानों का विरोध, फिल्म पर पाबंदी लगाने की मांग
ghaziabad news  गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रेलवे रोड बजरिया सिख धर्म कमेटी ने वीरवार को पत्रकार पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। वार्ता में इंद्रजीत टीटू ने कहा कि इतिहास बोलता है सिख धर्म का इतिहास कुर्बानियोंऔर सेवा भाव से भरा है। देश की रक्षा और सुरक्षा की बात हो , सेवा करने की भावना हो या समाज में भाईचारे स्थापित को लेकर बात हो तो सिख धर्म हमेशा सबसे अगली पंक्ति में खड़ा पाया है, और खड़ा रहेगा, जब तक सांस है। इमरजेंसी फिल्म के जरिए ,समाज के  जख्म  हरे करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा।

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उन्होंने कहा कि  सिख समाज अपनी बात को मीडिया के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  तक फिल्म सेंसर बॉर्डर तक और जिला प्रशासन तक अपनी बात सभ्यता के साथ पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है । इस पर तत्कालरोक लगानी चाहिए।
सिख धर्म सभा कमेटी ने कहा कि सरकार इमरजेंसी फिल्म पर और कंगना के बयानों पर तत्काल रोक लगाए क्योंकि कंगना रनौत लगातार गलत बयान बाजी कर रही है।

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उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद फिल्म एक्टर कंगना रनौत जो संसद के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्रीज में भी काम कर चुकी है, इमरजेंसी फिल्म की प्रोड्यूसर भी है, उन्होंने एक फिल्म बनाई है, जिसका नाम  इमरजेंसी  रखा गया है। सूत्रों के हवाले से सोशल मीडिया से विभिन्न चैनल से जो बात सामने आ रही है, इसमें कुछ सीन ऐसे हैं जिसकी वजह से सिख समाज की भावना को ठेस पहुंच रही है। इस फिल्म पर रोक लगनी चाहिए। तत्काल  इस फिल्म को बैन किया जाए।
फिल्म 84 के दंगों की याद ताजा कर भाईचारा खत्म करने का प्रयास है:एसपी सिंह  
एसपी सिंह ओबरॉय ने कहा कि इस फिल्म में 1984 का जो दुर्भाग्यपूर्ण हादसा देश में हुआ था। जिसमें सिख समाज के साथ जो भी घटित हुआ, वह हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था। समाज अब उस हादसे को भूलकर आगे बढ़ चुका है। इस फिल्म में पुराने जख्मों को फिर से दिखाकर हरे करने काम  जा रहा है।जिससे हम लोग समझते हैं समाज में भाईचारा खत्म होगा। भूल चुके हादसे को दोबारा से याद करना ठीक नहीं होगा। उसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे को हम भूल कर दोबारा से समाज के लिए सेवा भाव के साथ वैसे ही खड़े हैं, जैसे पहले हमेशा खड़े रहते हैं।

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सिख समाज का सेवाभाव से नाता ,फिल्म के जरिए बदनाम न करें:कुलविंदर  सिंह 
सिख धर्म का इतिहास कुर्बानियों और सेवा भाव सेहै। अभी हाल ही में कोरोना जैसी महामारी में जिस तरीके से सिख समाज ने लंगर को लेकर आॅक्सीजन सिलेंडरों को लेकर जो समाज की सेवा करके हजारों लोगों की जान बचाने का जो प्रयास किया है, ऐसा हर एक के लिए संभव नहीं है, जब पिता -पुत्र को हाथ नहीं लग रहा था, पत्नी- पति को हाथ नहीं लग रही थी और भाई -भाई को हाथ नहीं लग रहा था। जबकि सिख समाज निरंतर बच्चों से लेकर बड़ों तक अपनी सेवा में लगे हुए थे।
कहा कि हमारी मांग जिलाधिकारी अपने  माध्यम से देश के प्रधानमंत्री  के कार्यालय तक और  सेंसर बोर्ड तक पहुंचाने का कार्य करें और पुरे देश के अलावा गाजियाबाद में भी सिनेमा हॉल में इमरजेंसी फिल्म को दिखाने पर रोक लगाने का काम करें। ऐसा करने से जो हमारा समाज के साथ आपसी भाईचारा है, वह कायम रहेगा।
बैठक में यह रहे मौजूद
इस मौके पर सुखविंदर सिंह काका,जसमीत सिंह ,संत सिंह ,हरि सिंह, रितेश कसाना, आरती सिंह ,दलजीत सिंह, गुरविंदर पाल सिंह, जितेंद्र सिंह, योगेश कुमार, गुरजीत सिंह जग्गी ,अमित शर्मा ,कुलजीत सिंह, जगमोहन सिंह, अवतार सिंह, हरमीत सिंह ,जोगिंदर सिंह ,अमरजीत सिंह, कुलविंदर सिंह,इंद्रजीत सिंह (टीटू) प्रधान गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह मौजूद रहे।

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