Washington News: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में होने वाली बातचीत से पहले एक बड़ा बयान सामने आया है। यूक्रेनी सांसद किरा रुडिक (@kiraincongress) ने सीएनबीसी के विल्फ्रेड फ्रॉस्ट (@WilfredFrost) के साथ बातचीत में स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को यूक्रेन का कोई भी क्षेत्र, विशेष रूप से क्रीमिया, छोड़ने का अधिकार नहीं है। यह बयान तब आया है जब ट्रम्प ने कथित तौर पर ज़ेलेंस्की को सुझाव दिया था कि यूक्रेन को क्रीमिया और नाटो (NATO) योजनाओं को छोड़ देना चाहिए।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव में क्रीमिया एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जिसे यूक्रेन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का बड़ा हिस्सा अवैध मानता है। ट्रम्प का यह बयान कि यूक्रेन को क्रीमिया और नाटो की योजनाओं को छोड़ देना चाहिए, ने न केवल यूक्रेन में बल्कि वैश्विक मंच पर भी विवाद को जन्म दे दिया है।
किरा रुडिक ने अपने बयान में ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को देश का कोई भी हिस्सा छोड़ने का अधिकार नहीं है। यह यूक्रेन की जनता का फैसला है, और हम अपनी ज़मीन के लिए लड़ते रहेंगे।”
व्हाइट हाउस वार्ता का महत्व
ज़ेलेंस्की और ट्रम्प के बीच आज होने वाली बातचीत को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बैठक में यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य और आर्थिक सहायता, नाटो के साथ संबंध, और रूस के साथ चल रहे संघर्ष के समाधान पर चर्चा होने की संभावना है। ट्रम्प के सुझाव को कई विशेषज्ञ एक तरह का दबाव मान रहे हैं, जिसका उद्देश्य यूक्रेन को रूस के साथ समझौते के लिए मजबूर करना माना जा सकता है।
यूक्रेन की स्थिति
यूक्रेन ने बार-बार दोहराया है कि वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए प्रतिबद्ध है। क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर रूस के कब्जे के बावजूद, यूक्रेन ने इन क्षेत्रों को अपने हिस्से के रूप में मान्यता देना जारी रखा है। नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की महत्वाकांक्षा भी रूस के साथ तनाव का एक प्रमुख कारण साबित हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया मिली-जुली आ रही है। कुछ पश्चिमी देश यूक्रेन का समर्थन करते हुए रूस के खिलाफ सख्त रुख की वकालत कर रहे हैं, जबकि अन्य देश युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता की बात कर रहे हैं। ट्रम्प का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में भी यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता पर बहस तेज हो रही है।
निष्कर्ष
यूक्रेनी सांसद किरा रुडिक का बयान यूक्रेन के दृढ़ संकल्प को बया कर रहा है कि वह अपने क्षेत्र और संप्रभुता के लिए किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। ज़ेलेंस्की और ट्रम्प की मुलाकात के नतीजे न केवल यूक्रेन-रूस संबंधों को प्रभावित करेंगे, बल्कि वैश्विक भू-राजनीति पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। इस मुलाकात के परिणामों पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी हैं।

