मेरठ का वार्ड 54 बना कूड़े का ढेर

meerut news  प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में सफाई व्यवस्था को लेकर जोर-शोर से काम किया जा रहा है। नगर निगम भी स्वच्छता को प्राथमिकता देने की बात करता है, लेकिन मेरठ के वार्ड 54 की तस्वीर इससे एकदम उलट है। यहां गंदगी, कूड़े के ढेर और बदहाल नालियों ने इलाके को नारकीय बना दिया है।
वार्ड की सड़कों पर जगह-जगह फैला कूड़ा, महीनों से न साफ हुई नालियां और बदबू से सना माहौल यहां के नागरिकों के लिए बड़ी परेशानी बन चुका है। लोगों का आरोप है कि सफाईकर्मी तो रोज आते हैं, पर केवल हाजिरी लगाकर चले जाते हैं। न तो झाड़ू लगाई जाती है और न ही नालियों की नियमित सफाई होती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश के मौसम में नालियों की सफाई न होने के कारण गंदा पानी सड़कों पर फैल जाता है। इससे मच्छर, मक्खियों और गंदगी के कारण बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। डेंगू, मलेरिया और त्वचा संक्रमण की आशंका से लोग भयभीत हैं। कई बुजुर्गों और बच्चों में उल्टी-दस्त व बुखार जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं।
प्रशासन मौन, जनप्रतिनिधि गायब
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम कार्यालय में कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक न कोई टीम आई और न ही कोई सफाई कार्य शुरू हुआ। क्षेत्र के पार्षद से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि भी शिकायतें सुनकर चुप्पी साध लेते हैं। फरजाना बेगम, एक स्थानीय महिला बताती हैं, “हम रोज इस गंदगी से गुजरते हैं। घर के बाहर कूड़ा फैला है, नालियां बजबजा रही हैं, लेकिन कोई सफाईकर्मी झाड़ू तक लेकर नहीं आता। रईस अहमद, एक अन्य निवासी कहते हैं, “जब सफाईकर्मियों को वेतन मिल रहा है तो फिर काम क्यों नहीं हो रहा? क्या सिर्फ कागजों पर ही शहर को साफ दिखाया जा रहा है?
नगर निगम की चुप्पी पर उठे सवाल
इस मामले में नगर निगम की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर वार्ड 54 की यह स्थिति है, तो सवाल उठता है कि क्या बाकी क्षेत्रों की हालत भी ऐसी ही है? और यदि नहीं, तो फिर वार्ड 54 की अनदेखी क्यों? अब देखना यह है कि नगर निगम और प्रशासन इस गंभीर जन समस्या पर कब तक ध्यान देता है, या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दबा दिया जाएगा।

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