नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि हर कोई चाहता है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों को इंसाफ मिले, लेकिन यह कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संभव है । ठाकुर ने एक कार्यक्रम में कहा , सरकार भी निष्पक्ष जांच चाहती है। हम सभी चाहते हैं कि न्याय मिले, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है, जो भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सरकार द्वारा नियुक्ति समिति की रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया था। यह पूछने पर कि आरोपी के भाजपा सांसद होने की वजह से क्या कार्रवाई में विलंब हो रहा है, उन्होंने कहा, पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं है। हम सभी जांच जल्दी पूरी होने के पक्ष में हैं।
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ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पहलवानों की हर बात मानी और आरोपों की जांच के लिए समिति का भी गठन किया, जिसमें उनके कहने पर सदस्य जोड़े गए। इसके अलावा भारतीय ओलंपिक संघ ने डब्ल्यूएफआई के कामकाज के संचालन के लिए प्रशासकों की समिति का गठन किया। उन्होंने कहा, कोई भी खिलाड़ी हो या महिला हो, अगर कोई अत्याचार हुआ है तो उसे जल्दी इंसाफ मिलना चाहिए। पहलवानों का मामला सात साल पुराना है और जनवरी में हमने उनसे पूछा भी था कि कोई एफआईआर दर्ज करनी है तो उन्होंने कहा था कि वे सिर्फ सरकार का दखल चाहते हैं।
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न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करेगी : बांसुरी स्वराज
बृजभूषण शरण सिंह मामले में भाजपा द्वारा दोहरा मानदंड अपनाने के आरोप को खारिज करते हुए पार्टी नेता बांसुरी स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच के बाद न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करेगी। दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने भाजपा की दिल्ली इकाई के कानूनी प्रकोष्ठ की सह-संयोजक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि इसने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए लोक अभियोजकों की नियुक्ति में नौ महीने की देरी की। बांसुरी स्वराज ने कहा कि न्याय में देरी का मतलब न्याय से इनकार है।