घटना शुक्रवार शाम को पलाडोजा एरिना के आसपास हुई, जहां मैच निर्धारित था। प्रदर्शनकारी “इजरायल को सामान्य न बनाएं” और “गाजा में नरसंहार बंद करो” जैसे नारे लगाते हुए सड़कों पर मार्च कर रहे थे। चश्मदीदों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर आतिशबाजी और धुआं बम फेंके, जिसके जवाब में इतालवी पुलिस ने बल प्रयोग किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी आपस में धक्कमुक्की कर रहे हैं, और कुछ जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी पुलिस पर पटाखे फेंकता नजर आ रहा है।
बोलोग्ना के मेयर मेट्टेओ लेपोरे ने मैच रद्द करने की मांग की थी, लेकिन इतालवी गृह मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया। मेयर ने कहा, “शहर में सार्वजनिक अव्यवस्था का खतरा है, खासकर गाजा में इजरायल के कथित नरसंहार के आरोपों के बाद।” मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि “चरमपंथी समूह खेल आयोजनों का फैसला नहीं कर सकते।” मैच के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी, और इजरायली टीम को विशेष सुरक्षा दी गई।
यह घटना हाल के महीनों में इजरायल विरोधी प्रदर्शनों की एक कड़ी है। पिछले महीने इटली के उडाइन में एक फुटबॉल विश्व कप क्वालीफायर के दौरान भी इसी तरह के विरोध हुए थे, जबकि स्पेन में वुएल्टा अ एस्ताग्ना साइकिलिंग रेस को बाधित किया गया था। ब्रिटेन में नवंबर की शुरुआत में एस्टन विला बनाम मक्काबी तेल अवीव फुटबॉल मैच के बाहर भी 11 गिरफ्तारियां हुईं, जहां प्रो-पैलेस्टाइन और प्रो-इजरायल समर्थकों के बीच टकराव हुआ।
मैच का परिणाम विर्तुस बोलोग्ना ने 99-89 से जीता। प्रदर्शन के बावजूद, आयोजकों ने कहा कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए। फिलिस्तीनी अधिकार संगठनों ने इसे “इजरायल की सामान्यीकरण” के खिलाफ एक सफल विरोध बताया, जबकि इटली के उप-प्रधानमंत्री मेट्टेओ साल्विनी ने प्रदर्शनकारियों की निंदा की और पुलिस को समर्थन दिया।
यह घटना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के वैश्विक प्रभाव में घी डालने का काम कर रही है, जहां खेल आयोजन अब राजनीतिक तनाव का केंद्र बन रहे हैं। स्थानीय पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन आने वाले दिनों में और विरोध की आशंका जताई जा रही है।

