Paris Block Everything News: फ्रांस की राजधानी पेरिस सहित पूरे देश में आज ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ नामक आंदोलन ने जोर पकड़ लिया, जहां प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं, कचरा डिब्बों में आग लगा दी और पुलिस के साथ हिंसक झड़पें कीं। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों और किफायती उपायों के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन पूरे फ्रांस में फैल गया है, जिसमें पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में लगभग 80,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, और अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह आंदोलन, जो ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ के नारे के साथ शुरू हुआ, मैक्रों की सरकार पर दबाव बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के नेतृत्व, आर्थिक कटौतियों और हाल ही में नियुक्त नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पेरिस में सुबह से ही प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। पुलिस ने जवाब में आंसू गैस छोड़ी, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। रेनेस, मार्सिले और टूलूज जैसी अन्य शहरों में भी इसी तरह की घटनाएं रिपोर्ट की गईं, जहां सार्वजनिक सेवाओं और परिवहन को ठप कर दिया गया।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए वीडियो और पोस्ट्स से पता चलता है कि पेरिस की सड़कों पर युवा प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स का इस्तेमाल कर सड़कें ब्लॉक कर रहे हैं, जबकि पुलिस मोटरसाइकिल यूनिट्स को रोकने के लिए टेप और स्टील वायर का उपयोग किया जा रहा है। एक पोस्ट में दिखाया गया है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों पर हमला कर रही है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। यह आंदोलन राजनीतिक स्पेक्ट्रम के विभिन्न समूहों को एकजुट कर रहा है, जिसमें दक्षिणपंथी से लेकर वामपंथी संगठन शामिल हैं।
सरकार ने इस आंदोलन को ‘अराजक’ करार दिया है और कहा है कि यह देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है। आंदोलन के आयोजकों का कहना है कि वे मैक्रों से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक ‘सब कुछ ब्लॉक’ करने का अभियान जारी रहेगा। पेरिस में गिरफ्तारियों की संख्या 75 से अधिक बताई जा रही है, जबकि पूरे फ्रांस में यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है।
यह घटना फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता की बढ़ती स्थिति को प्रदर्शित कर रही है, जहां पहले भी पेंशन सुधारों और अन्य नीतियों के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया का कहना है कि अगर यह आंदोलन जारी रहा, तो यूरोपीय संघ पर भी इसका असर पड़ सकता है। फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और पुलिस आगे की कार्रवाई की तैयारी में है।

