नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रिनोवेशन पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। उपराज्यपाल विनय सक्सेना को भेजी गई फैक्चुअल रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ये रिपोर्ट दिल्ली सरकार के विजिलेंस डायरेक्टोरेट ने एलजी को भेजी है।
एजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि केजरीवाल के घर पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके कैंप आॅफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में तत्कालीन ढहऊ मिनिस्टर ने केजरीवाल के बंगले (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि बंगले में एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और 24 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग रूम बनना चाहिए। इसके लिए बंगले की दूसरी मंजिल बनाने का प्रस्ताव था।
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हालांकि, दिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट ने कहा था कि बंगले को तोड़कर उसी परिसर में नया बंगला बनाया जाना चाहिए। पीडब्ल्यूडी ने कहा कि बंगला 1942-43 के दौरान बना था। इसे बने 80 साल हो गए हैं इसलिए इसके ऊपर नई मंजिल बनाना सही नहीं होगा।
पीडब्ल्यूडी ने कहा कि उसी परिसर में नया बंगला बनना चाहिए। उसके पूरा बनने के बाद केजरीवाल उसमें शिफ्ट हो जाएंगे और पुराने बंगले को गिरा दिया जाएगा। इस सलाह के आधार पर ही वहां नया बंगला बनाया गया।
भाजपा ने सीएम आवास के रिनोवेशन में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने अप्रैल में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को आदेश दिया था कि मामले से संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें एक फैक्चुअल रिपोर्ट सबमिट की जाए। 12 मई को ये रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी गई। इस पर स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस राजशेखर ने साइन किए थे।
आप बोली- रिपोर्ट से अपराध साबित नहीं होता
आप ने कहा है कि पिछले 9 साल से भाजपा केजरीवाल की इमेज बिगाड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए। इसलिए, अब वे उनके घर को टारगेट कर रहे हैं। रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे साबित हो कि कुछ गलत हुआ है। दिल्ली में पहली बार मुख्यमंत्री के लिए आॅफिशियल रैजिडेंस कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री आवास, कार्यालय सचिवालय, आॅडिटोरियम और स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं।