उपराष्ट्रपति चुनाव 2025, BRS और BJD ने मतदान से बनाई दूरी, एनडीए को मिल सकती है बढ़त

Vice Presidential Election News: देश में 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों, भारत राष्ट्र समिति (BRS) और बीजू जनता दल (BJD) ने मतदान में हिस्सा न लेने का चौंकाने वाला ऐलान किया है। यह फैसला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच चल रहे कड़े मुकाबले को और रोचक बना सकता है।

BRS और BJD का फैसला
BRS के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने तेलंगाना में यूरिया की कमी को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। उन्होंने कहा, “यूरिया की कमी के कारण तेलंगाना के किसान गंभीर संकट में हैं। हमारी प्राथमिकता किसानों के हित हैं, इसलिए हम इस चुनाव से दूर रहेंगे।” इसी तरह, BJD नेता सस्मित पात्रा ने घोषणा की कि उनकी पार्टी भी मतदान में शामिल नहीं होगी। उन्होंने कहा, “बीजू जनता दल एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखेगा। हमारा ध्यान ओडिशा के विकास और 4.5 करोड़ लोगों के कल्याण पर है।”

चुनाव में कड़ा मुकाबला
इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन का मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी से है। यह चुनाव राजनीति और न्यायपालिका के बीच एक प्रतीकात्मक टकराव के रूप में भी देखा जा रहा है। वर्तमान में संसद में 781 मतदाता हैं, जिनमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, साथ ही 12 मनोनीत सदस्य शामिल हैं। सात सीटें रिक्त हैं, जिससे एनडीए को अपनी संख्याबल के आधार पर बढ़त मिलने की संभावना है। एनडीए के पास लगभग 425 सांसदों का समर्थन है, और YSRCP जैसे सहयोगी दलों के साथ यह संख्या 436 तक पहुंच सकती है।

विपक्ष को झटका
BRS और BJD के इस फैसले से विपक्षी इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। BJD के पास राज्यसभा में 7 और BRS के पास 4 सांसद हैं। इन दोनों दलों की अनुपस्थिति से विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की राह और मुश्किल हो सकती है। हालांकि, अकाली दल, ZPM, VOTTP और तीन निर्दलीय सांसदों ने अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जिससे कुछ अनिश्चितता बनी हुई है।

पृष्ठभूमि और संदर्भ
उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुआ था। इसके बाद मध्यावधि चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई। मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और मतगणना उसी दिन शाम 6 बजे शुरू होगी। BJD का यह रुख नया नहीं है। पार्टी ने 2012 में भी उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था, जबकि 2017 में विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन किया और 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को वोट दिया था।

निष्कर्ष
BRS और BJD के मतदान से दूरी बनाने के फैसले ने उपराष्ट्रपति चुनाव के समीकरण को और जटिल कर दिया है। एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन की जीत की संभावना मजबूत दिख रही है, लेकिन अन्य दलों और निर्दलीय सांसदों का रुख अंतिम परिणाम को प्रभावित कर सकता है। यह चुनाव न केवल राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि क्षेत्रीय दलों की रणनीति और प्राथमिकताओं को भी उजागर करता है।

यह भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले लालू यादव और बी. सुदर्शन रेड्डी की मुलाकात पर हो रहा विवाद, बीजेपी ने साधा निशाना

यहां से शेयर करें